मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज श्योपुर जिले की तहसील बड़ौदा के मुख्यालय में पुलिस थाने के समीप स्थित ग्राउंड में आयोजित एक विशाल कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर श्योपुर सहित कुल 6 जिलों के किसानों को फसल क्षति मुआवजा राशि का वितरण किया गया। कार्यक्रम में मौजूद किसानों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के मध्य मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के माध्यम से 3 लाख 5 हजार 410 प्रभावित किसानों के बैंक खातों में कुल 238 करोड़ 78 लाख रुपये की राशि अंतरित की। यह राशि उन किसानों के लिए बड़ी राहत के रूप में दी गई जिनकी फसलें प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारी नुकसान का सामना कर चुकी थीं।
इस अंतर्गत श्योपुर, हरदा, विदिशा, नर्मदापुरम, धार और खण्डवा जिलों की 23 तहसीलों के 2 हजार 148 ग्रामों के किसानों को अतिवृष्टि, बाढ़ तथा पीला मौजेक कीट व्याधि से हुई फसल क्षति का मुआवजा प्राप्त हुआ। श्योपुर जिले के किसानों को विशेष रूप से अधिक प्रभावित माना गया, इसलिए जिले के 1 लाख 3 हजार 78 किसानों को, जिनकी धान की फसल को गम्भीर क्षति पहुँची थी, कुल 100 करोड़ 83 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदाय की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अतिवृष्टि एवं बाढ़ के चलते श्योपुर जिले के 428 ग्रामों के इन 1 लाख 3 हजार 78 किसानों को धान की फसल में हुए भारी नुकसान के लिए यह मुआवजा दिया गया। इसके साथ ही अन्य जिलों के किसानों को भी अलग-अलग स्तर पर राहत राशि अंतरित की गई। हरदा जिले के 95 हजार 989 किसानों को सोयाबीन फसल में हुए नुकसान के लिए 71 करोड़ 52 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई। विदिशा जिले के 51 हजार 830 किसानों को सोयाबीन एवं उड़द फसल में हुए नुकसान के लिए 29 करोड़ 15 लाख रुपये का मुआवजा प्राप्त हुआ।
नर्मदापुरम जिले के 22 हजार 779 किसानों को सोयाबीन फसल में हुए नुकसान के लिए 19 करोड़ 84 लाख रुपये अंतरित किए गए। इसी तरह धार जिले के 19 हजार 173 किसानों को सोयाबीन और मक्का की फसल में हुए नुकसान को देखते हुए 10 करोड़ 31 लाख रुपये प्रदान किए गए। खण्डवा जिले के 12 हजार 961 किसानों को सोयाबीन फसल में पीला मौजेक कीट व्याधि से हुई क्षति के लिए 7 करोड़ 13 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई। सभी राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में भेजी गई, जिससे पारदर्शिता और त्वरित राहत सुनिश्चित हो सकी।
लोकार्पण एवं शिलान्यास
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा कई विकास निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया गया। जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत 2 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से सेसईपुरा में निर्मित आदिवासी बालक आश्रम का लोकार्पण किया गया। इसके अलावा श्योपुर में 14 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से बनने वाले नर्सिंग कॉलेज भवन तथा 14 करोड़ 95 लाख रुपये की लागत से बनने वाले 50 बिस्तरीय एकीकृत आयुष चिकित्सालय का शिलान्यास हुआ।
श्योपुर में 96 लाख रुपये की लागत से बागवानी और खाद प्रसंस्करण ज्ञान प्रसार केंद्र की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त किया गया। ग्राम लहरौनी में 2 करोड़ 61 लाख, ग्राम बलावनी में 2 करोड़ 53 लाख तथा डाबीपुरा में 2 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से 33/11 केवी के नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया। इसके साथ ही विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनेक हितग्राहियों को भी लाभान्वित किया गया।
