Advertisement

रोजर्स कप: राफेल नडाल और बियांका एंड्रीस्क्यू ने अपने नाम किया खिताब

स्पेन के दिग्गज खिलाड़ी राफेल नडाल ने रविवार को रूस के खिलाड़ी डेनियल मेदवेदेव को 6-3, 6-0 से हराकर...
रोजर्स कप: राफेल नडाल और बियांका एंड्रीस्क्यू ने अपने नाम किया खिताब

स्पेन के दिग्गज खिलाड़ी राफेल नडाल ने रविवार को रूस के खिलाड़ी डेनियल मेदवेदेव को 6-3, 6-0 से हराकर मॉन्ट्रियल रोजर्स कप अपने नाम किया। नडाल ने रविवार को फाइनल में रूस के डेनियल मेदवेदेव पर आसान जीत के साथ अपने खिताब का बचाव किया। दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी ने मेदवेदेव को दो सेटों (6-3, 6-0) में आश्चर्यजनक रूप से हराया, यह मैच केवल 70 मिनट तक चला। इस जीत के साथ ही नडाल ने पांचवें कनाडाई खिताब को अपने नाम किया।

इससे पहले नडाल शनिवार को बिना किसी गेंद को निशाना बनाए ही मॉन्ट्रियल रोजर्स कप के फाइनल में पहुंच गए थे। वहीं, डेनियल मेदवेदेव ने सेमीफाइनल में अपने हमवतन खिलाड़ी करेन खचानोव को हराकर मॉन्ट्रियल रोजर्स कप के फाइनल में जगह बनाई थी।

कनाडाई टेनिस की प्रगति की प्रशंसा की

जीत के बाद नडाल ने कहा कि उनके पास इतनी प्रतिभा है, लेकिन कुछ दिन दूसरों दिनों से बेहतर होते हैं। मैं यहां बहुत आराम से हूं, मॉन्ट्रियल में, जहां मैं लगभग अपने घर जैसा महसूस करता हूं। मैं टेनिस कनाडा के काम और कनाडाई टेनिस की प्रगति से बहुत प्रभावित हूं। यह हमारे खेल के भविष्य के लिए उत्साहजनक है।

पीठ दर्द का वजह से बीच में ही छोड़ा मैच

वहीं महिला एकल में दिग्गज एमेरिकी टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स की दो साल में पहला खिताब जीतने की हसरत एक बार फिर अधूरी रह गई। इस बार 23 बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन सेरेना किसी खिलाड़ी से नहीं बल्कि पीठ दर्द से हार गई। तीन बार की चैंपियन 37 वर्षीय सेरेना को डब्ल्यूटीए टोरंटो ओपन के फाइनल में स्थानिय खिलाड़ी बियांका एंड्रीस्क्यू के खिलाफ मुकाबला से हटना पड़ा।

2017 के बाद से नहीं जीता कोई खिताब

सेरेना जिस मुकाबले से हटीं बियांका 3-1 से आगे चल रही थी। सेरेना ने आंसुओं के साथ चोट से विदा ली। 2017 में बेटी को जन्म देने के बाद सेरेना ने कोई खिताब नहीं जीता था। उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन के साथ 23वें ग्रैंड स्लैम के रूप में अपनी आखिरी ट्रॉपी जीती थी। 19 साल के बियांका पिछले 50 साल में यह खिताब जीतने वाली पही कनाडाई खिलाड़ी बन गई।

1969 को बाद से जीतने वाली पहली कैनेडियन

एंड्रीस्कु ने अपनी जीत के बाद कहा कि वे इस तरह नहीं जीतना चाहती थी, और ना ही मैं (सेरेना) के इस तरह कोर्ट से बाहर जाने की उम्मीद कर रही थी, लेकिन सेरेना सही मायने में चैंपियन हैं। उन्होने कहा कि मैं निशब्द हूं। मैं 1969 से यहां जीतने वाली पहली कैनेडियन हूं। यह एक सपना सच होने जैसा है। मेरे पास कई कठिन मैच आए, लेकिन मैं खुद से कहती रही,  हार मत मानो। मैंने इसे एक चुनौती के रूप में देखने की कोशिश की ना की एक झटका के रूप में।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad