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भारत ने निशानेबाजी को राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में शामिल करने पर दिया जोर, खेल मंत्री ने लिखा पत्र

भारत ने निशानेबाजी को राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में शामिल करने की कोशिश की है। खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने...
भारत ने निशानेबाजी को राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में शामिल करने पर दिया जोर, खेल मंत्री ने लिखा पत्र

भारत ने निशानेबाजी को राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में शामिल करने की कोशिश की है। खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने ब्रिटेन के डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री निकी मोर्गन को पत्र लिखकर 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी स्पर्धा को शामिल करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है। वर्ष 1974 के बाद पहली बार निशानेबाजी को ‘लाजिस्टिकल’ मुद्दों के कारण खेलों के कार्यक्रम से बाहर किया गया है। हालांकि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के अध्यक्ष लुईस मार्टिन ने कहा कि निशानेबाजी स्पर्धा कभी भी खेलों में अनिवार्य स्पर्धा में शामिल नहीं थी।

जून में लिया था फैसला

कॉमनवेल्थखेल महासंघ (सीजीएफ) ने जून में फैसला किया था कि बर्मिंगम में 2022 में होने वाले खेलों में शूटिंग को जगह नहीं दी जाएगी। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत निशानेबाजी में काफी अच्छा प्रदर्शन करता है और खेलों से इसे बाहर करना भारतीय ओलंपिक संघ को अच्छा नहीं लगा और  सीजीएफ के इस फैसले के बाद भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) ने टूर्नामेंट के बहिष्कार की धमकी भी दी थी।

खेल मंत्री ने जताई चिंता

इन सबके बीच खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने की चिंता को दर्शाते हुए खेल मंत्री रिजिजू ने मंगलवार को मोर्गन को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की ताकि बर्मिंघम खेलों की सूची में इसे शामिल कर लिया जाए। रिजिजू ने मोर्गन को लिखा कि बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी स्पर्धा को शामिल किए जाने के लिए मैं आपके निजी हस्तक्षेप की मांग करने के लिए लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि आपको पता होगा कि निशानेबाजी को 1966 में राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था और 1974 के बाद से निशानेबाजी इन खेलों में शामिल रही है। दुर्भाग्य से राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के कार्यकारी बोर्ड ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने का फैसला किया।

निशानेबाजों के देश को पदक दिलाने का दिया वास्ता

खेल मंत्री ने मंगलवार को लिखे पत्र में कहा कि सीजीएफ का कॉमनवेल्थ खेलों में शूटिंग को न शामिल करने का फैसला इस आधार पर लिया गया है कि शूटिंग कभी अनिवार्य खेल रहा ही नहीं है और यहां शूटिंग को आयोजित कराने के लिए कोई जगह नहीं है। भारतीय निशानेबाजों ने देश को इस स्पर्धा में काफी पदक दिलाए हैं, जिसमें गोल्ड कोस्ट में ही पिछले चरण में 16 पोडियम स्थान हासिल किए थे। 

भारतीय ओलंपिक संघ है नाराज

उन्होंने लिखा कि दुर्भाग्य से भारत इस समय राष्ट्रमंडल खेलों की कार्यकारी परिषद और राष्ट्रमंडल खेलों की कार्यकारी समिति में प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा है, इसलिए देश निशानेबाजी को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल करने के अपने मामले को पेश नहीं कर सकता। रिजिजू ने कहा कि भारत में निशानेबाजी काफी लोकप्रिय खेल है और भारतीय निशानेबाज अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और स्पर्धाओं में अच्छा कर रहे हैं। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल से निशानेबाजी को बाहर करने से विभिन्न राष्ट्रीय खेल महासंघ, भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ और भारतीय ओलंपिक संघ काफी नाराज हैं।

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