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मोटर स्‍पोर्ट्स को मिली सरकारी मान्‍यता

सरकार ने मोटर स्पोर्ट्स को एक खेल के रूप में मान्यता देते हुए इससे जुड़े संगठन फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब्स् ऑफ इंडिया (एफएमएससीआई) को मान्यता प्राप्‍त राष्‍ट्रीय खेल संघों की सूची में शामिल कर लिया है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब देश में फाॅर्मूला वन रेस को वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं। टैक्‍स और सरकारी बाधाओं की चलते ग्रैड प्री का आयोजन स्‍थगित होने के बाद सरकार पर मोटर स्‍पोर्ट्स को बढ़ावा देने का दबाव बढ़ रहा था। जिसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
मोटर स्‍पोर्ट्स को मिली सरकारी मान्‍यता

खेल मंत्रालय ने मोटर स्पोर्ट्स को मान्‍यता प्राप्‍त सूची में अन्‍य खेलों की श्रेणी में रखा है। इसका मतलब यह हुआ कि इस खेल को सरकारी मान्‍यता तो मिलेगी लेकिन सरकार से किसी तरह की वित्‍तीय सहायता नहीं दी जाएगी। सरकार के इस कदम से देश में मोटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा हालांकि फार्मूला वन रेस की वापसी के प्रयासों से इसका सीधा वास्‍ता नहीं है। फार्मूला वन रेस वापस लाना मुख्य रूप से प्रोमोटर जेपी ग्रुप और फार्मूला वन मैनेजमेंट पर निर्भर करता है।

 

एफएमएससीआई के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में मद्रास मोटर स्पोर्ट्स क्लब के प्रतिनिधि विकी चंडोक ने लंबे इंतजार के बाद सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। चंडोक ने कहा कि सरकार ने एफएमएससीआई की मान्यता कभी भी वापस नहीं ली थी, उसने केवल 2011 में संगठन को एनएसएफ की मान्यता प्राप्त सूची से हटा लिया और अब दोबारा मान्यता दे दी है। चंडोक ने बताया कि मान्‍यता प्राप्‍त संगठन का दर्जा लेने के लिए मंत्राालय के दिशा निर्देशों का पालन करना पड़ा जिनमें पदाधिकारियों की उम्र और कार्यकाल की सीमाओं से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। पूरी प्रक्रिया में करीब छह महीने का समय लगा।

 

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