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अर्जुन पुरस्‍कार से सम्‍मानित हॉकी के आयरन गेट माइकल नहीं रहे

अर्जुन पुरस्‍कार से सम्‍मानित अंतरराष्‍ट्रीय हॉकी खिलाड़ी माइकल किंडो नहीं रहे। झारखंड के...
अर्जुन पुरस्‍कार से सम्‍मानित हॉकी के आयरन गेट माइकल नहीं रहे

अर्जुन पुरस्‍कार से सम्‍मानित अंतरराष्‍ट्रीय हॉकी खिलाड़ी माइकल किंडो नहीं रहे। झारखंड के सिमडेगा जिला के कुरडेग प्रखंड के बैघमा गांव के रहने वाले किंडो को भारतीय हॉकी टीम का आयरन गेट के रूप में फेमस थे। गुरुवार की दोपहर राउरकेला के अस्‍पताल में उन्‍होंने अंतिम सांस ली। सेना में नौकरी करते हुए भारतीय हॉकी टीम में पैठ बनाई थी।

माइकल किंडो ने 1975 में विश्‍वकप में स्‍वर्ण पदक, 1972 में ओलंपिक में कांस्‍य पदक, 1973 और 1971 के विश्‍वकप में क्रमश: रजत और कांस्‍य पदक हासिल किया था। इसके अतिरिक्‍त एशियन गेम, एशिया कम, कॉमनवेल्‍थ सहित अनेक प्रतियोगिताओं में भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्‍व करते हुए पदक हासिल किया था।20 जून 1947 को जन्‍मे किंडो ने अवकाश ग्रहण के बाद सेल, राउरकेला में वे हॉकी के प्रशिक्षक की भूमिका में थे और वहीं अपना ठिकाना बना लिया था। मगर सिमडेगा से उनका वास्‍ता टूटा नहीं था। जब कभी गांव आते बच्‍चों के साथ हॉकी का हुनर और अनुभव साझा करते। मनोज कोनबेगी के अनुसार राउरकेला में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी, अस्‍पताल ले जाया गया मगर बचाया नहीं जा सका।

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