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क्या राजनीतिक पारी को गंभीरता से निभा पाएंगे गंभीर...

दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए छठे चरण में मतदान 12 मई को होगा। आज दिल्ली में नामांकन का आखिरी दिन है और...
क्या राजनीतिक पारी को गंभीरता से निभा पाएंगे गंभीर...

दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए छठे चरण में मतदान 12 मई को होगा। आज दिल्ली में नामांकन का आखिरी दिन है और आज क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर अपनी राजनीति की औपचारिक शुरुआत कर रहे हैं। हालांकि 22 मार्च 2019 को वह केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे।

पूर्वी दिल्ली से लड़ेंगे चुनाव

गौतम गंभीर एक शानदार खिलाड़ी होने के साथ ही अपनी बातों को बेबाकी से कहने के लिए भी जाने जाते हैं, जिस कारण वे अक्सर विवादो में बने रहते हैं। गौतम गंभीर को पूर्वी दिल्ली से वर्तमान सांसद महेश गिरी की जगह चुनाव मैदान में उतारा गया है। इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी अरविंदर सिंह लवली और आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी से होगा।

मोदी जी का सपना पूरा करेंगे

वह आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इससे पहले मंगलवार सुबह गौतम गंभीर ने अपने घर में परिवार व करीबियों के साथ हवन-पूजन किया। इसके बाद वह रोड शो पर निकले हैं। रोड शो के दौरान उन्होंने कहा कि वह देश और समाज की सेवा करना चाहते हैं। गंभीर ने कहा कि पिछले पांच सालों में जिस तरह से मोदी ने देश का विकास किया है और देश को आगे ले गए हैं, हम भी उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए देश को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे और मोदी जी का सपना पूरा करेंगे।

2011 विश्व कप फाइनल में निभाई थी अहम भूमिका

उन्होंने 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ अपना एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण किया था और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले वर्ष अपना पहला टेस्ट खेला था। उन्होंने 2010 के अंत से लेकर 2011 के अंत तक छह वनडे मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी भी की थी, जिसमें भारत ने सभी छह मैच जीते थे। उन्होंने 2007 विश्व टी-20 (54 गेंदों से 75 रन) और 2011 क्रिकेट विश्व कप (122 से 97) दोनों के फाइनल में भारत की जीत में एक अभिन्न भूमिका निभाई थी। अप्रैल 2018 तक वह टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में भारत के लिए छठे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। गंभीर की कप्तानी में, कोलकाता नाइट राइडर्स ने 2012 में और फिर 2014 में अपना आईपीएल खिताब जीता था।

अर्जुन अवार्ड से हो चुके हैं सम्मानित

उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2008 में अर्जुन अवार्ड, भारत का दूसरा सर्वोच्च खेल पुरस्कार दिया गया था। 2009 में वह आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक बल्लेबाज थे। उसी वर्ष वह आईसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर भी चुने गये थे। 2019 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया भी किया गया था, जो भारत में चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। दिसंबर 2018 में उन्होंने क्रिकेट के सभी रूपों से अपने सन्यास की घोषणा की।

गंभीर का विवादों से हमेशा रहा है नाता और कई बार सामाजिक मुद्दो पर भी वे खुल कर बोलें हैं।

भारत-पाक मैच का किया था विरोध

पुलवामा आतंकी हमले के बाद गंभीर ने वर्ल्ड कप में भारत-पाक मैच को लेकर कहा था कि अगर भारत को पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल खेलना पड़े, तो भी हमें उस मैच को नहीं खेलना चाहिए। मैं मानता हूं कि हमारा देश इसके लिए भी तैयार होगा। हमें अपने फैसलों पर यू-टर्न नहीं लेना चाहिए जैसा कि समाज के कुछ धड़ों से आवाज आनी शुरू हो चुकी है कि हमें खेल और राजनीति की एकसाथ तुलना नहीं करनी चाहिए।

ट्विटर पर कई नेताओं से भिड़ चुके हैं

भारतीय सेना के प्रति क्रिकेटर गौतम गंभीर का लगाव जगजाहिर है। यहां तक की ट्विटर के माध्यम से हाल ही में उनकी बहस जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों से भी हो चुकी है। अक्सर कश्मीर के हालातों पर अपनी प्रतिक्रिया देने वाले गौतम गंभीर जम्मू कश्मीर के एक नेता पर तंज कसते हुए कहा था कि उनके पास एक समाधान है, जो भी राजनेता कश्मीर में अपने परिवार के साथ बिना किसी सुरक्षा के दुर्गम इलाके में एक हफ्ता बिताएगा, उसे ही 2019 में चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाएगी।

अरविंद केजरीवाल को भी दी थी नसीहत

गंभीर ने एक बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को वायु प्रदूषण और डेंगू को लेकर जमकर लताड़ा लगाई थी।उन्होंने केजरीवाल पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आपके झूठे वादों की वजह से दिल्ली की पीढ़ियां धुएं में जी सांस ले रही है। गंभीर ने केजरीवाल और आप को टैग कर आगे लिखा था कि हमारी पीढ़ियां आपके झूठे वादों के कारण धुएं में जी रही हैं। आपके पास डेंगू और प्रदूषण को रोकने के लिए एक साल का वक्त था, लेकिन दुख की बात है कि आपने दोनों में से किसी को नियंत्रित नहीं किया।

क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर टीम इंडिया में बेहतरीन बल्लेबाजो में से एक माने जाते हैं। उन्होने कई मैचो में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई है। अब ऐसे में देखना यह होगा कि क्या वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ एक लंबा छक्का लगा पाऐंगे या नही?

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