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चंडीगढ़ को मिली BCCI से मान्यता, खिलाड़ियों को अब नहीं जाना पड़ेगा पंजाब-हरियाणा

लगभग चार दशकों के बाद, चंडीगढ़ को आखिरकार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से संबद्धता मिल गई है, जिससे शहर...
चंडीगढ़ को मिली BCCI से मान्यता, खिलाड़ियों को अब नहीं जाना पड़ेगा पंजाब-हरियाणा

लगभग चार दशकों के बाद, चंडीगढ़ को आखिरकार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से संबद्धता मिल गई है, जिससे शहर के क्रिकेटरों को बीसीसीआई टूर्नामेंट में खेलने का अवसर मिल गया है। अब सिटी की अपनी क्रिकेट टीम होगी। जैसे ही इसकी सूचना शहर में फैली, युवा क्रिकेटरों के चेहरे खिल उठे।

दूसरे राज्यों की टीमों पर नहीं पहना पड़ेगा निर्भर

यूटी क्रिकेट एसोएिशन के प्रधान संजय टंडन ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। सिटी के हर क्रिकेटर और उनके परिवार के लिए यह सबसे बड़ा दिन है। बीसीसीआई से मान्यता मिलने का सपना कई साल से लोग देख रहे थे। टंडन ने बताया मुझे बीसीसीआई की ओर से सिटी की क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिलने की सूचना दी गई। हमारे खिलाड़ी अब अपनी टीम से खेलेंगे। दूसरे राज्यों की टीमों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अब मुझे और एसोसिएशन को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

नेशनल टीम के लिए तैयार करेंगे खिलाड़ी

संजय टंडन ने कहा कि मान्यता मिलने के बाद हमारे लिए सबसे बड़ा चैलेंज यह होगा सिटी से ऐसे खिलाड़ी को उभारना, जो सीधे नेशनल टीम का हिस्सा बनें। इसके बाद ही बीसीसीआई को अहसास होगा कि उन्होंने सिटी को मान्यता देकर कोई गलती नहीं की। हमारे पास काफी क्रिकेट के मैदान हैं और अनुभवी कोच भी हैं।

यूटी क्रिकेट एसोसिएशन 1982 में हुई थी गठित

टंडन ने बताया कि बीसीसीआई से मान्यता के लिए लगभग 37 साल तक संघर्ष किया गया। यूटी क्रिकेट एसोसिएशन 1982 में बनाई गई थी। सिटी के स्टार क्रिकेटर कपिल देव भी इससे जुड़े रहे। हमारी एसोसिएशन मान्यता पाने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी।

बीसीसीआई ने दोनों एसोएिशन को विलय करने को कहा था

बीसीसीआई ने इस महीने की शुरुआत में चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन (पंजाब) और चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन (हरियाणा) को यूटी क्रिकेट एसोएिशन में विलय करने और चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक एकीकृत निकाय बनाने के लिए कहा था। जबकि सीसीए(पंजाब) विलय के लिए सहमत हो गया,  लेकिन उनके हरियाणा समकक्ष अभी किसी भी निर्णय पर पहुंचने में विफल रहे।

दिल्ली एकमात्र अन्य केंद्र शासित प्रदेश

इस विकास के बाद, चंडीगढ़ क्रिकेटर जो पहले राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने में सक्षम होने के लिए पंजाब या हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने के लिए मजबूर थे, अब सीधे शहर का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। शहर में अब रणजी ट्रॉफी और बीसीसीआई द्वारा आयोजित अन्य घरेलू टूर्नामेंटों में भी अपनी टीम हो सकती है। बीसीसीआई संबद्धता के साथ दिल्ली एकमात्र अन्य केंद्र शासित प्रदेश है।

आईपीएल के मुकाबले कराने का भी मिलेगा मौका

टंडन ने कहा कि अब चंडीगढ़ की अपनी टीम बनेगी। सिटी में क्रिकेट के लिए इतना बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है कि अब हमें इंडियन प्रीमियम लीग (आईपीएल) के मुकाबले कराने का मौका मिलेगा। अभी यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को अंडर 23 की टीम बनाने को कहा गया है। कुछ दिनों में हमें रणजी टीम बनाने की अनुमति भी मिल जाएगी। अब तक चंडीगढ़ के खिलाड़ी अपने पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश की रणजी टीमों में खेलते आ रहे थे। अब खिलाड़ियों को चंडीगढ़ की रणजी टीम में खेलने का मौका मिलेगा।

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