Advertisement

मैं आलोचना पर ध्यान नहीं देता क्योंकि मैं अपनी दुनिया में रहता हूं: शिखर धवन

शिखर धवन ऐसे खिलाड़ी हैं जो मुश्किल दौर से हमेशा एक दमदार वापसी करते हैं और जब-जब उनके विरोधी उनके...
मैं आलोचना पर ध्यान नहीं देता क्योंकि मैं अपनी दुनिया में रहता हूं: शिखर धवन

शिखर धवन ऐसे खिलाड़ी हैं जो मुश्किल दौर से हमेशा एक दमदार वापसी करते हैं और जब-जब उनके विरोधी उनके खिलाफ लिखते हैं तो इस पर वह जवाब नहीं देते। भारतीय बल्लेबाज का कहना है कि खराब दौर के दौरान हो रही आलोचना को अधिक तवज्जो नहीं देकर वह मुश्किल समय से उबरने में सफल रहते हैं। पिछले छह महीने से धवन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोई शतक नही लगाया था, उन्होंने रविवार को मोहाली में चौथे एक दिवसीय मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करिअर के सर्वश्रेष्ठ 143 रनो की पारी के साथ अपनी वापसी का ऐलान किया इसके बावजूद भारत मैच हार गया।

अखबार नही पढ़ता हूं

धवन से यह पूछे जाने पर कि वह आलोचना पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, तो इस पर खुशमिजाज क्रिकेटर ने कहा कि वह अपनी धून में रहते हैं और इससे उन्हें अपने दिमाग को शांत रखने में मदद मिलती है। मैच के बाद 33 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि सबसे पहले तो मैं अखबार नहीं पढ़ता हूं और मैं ऐसी जानकारी नहीं लेता हूं जो मुझे नहीं चाहिए। इसलिए मुझे नहीं पता कि मेरे आसपास क्या हो रहा है और मैं अपनी दुनिया में रहता हूं। इसी वजह से मैं फैसला करता हूं कि किस दिशा में मेरे विचार जा रहे हैं ।

खुद पर संतुलन व सकारात्मक सोच रखता हूं

धवन ने कहा कि दबाव से निपटने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि खुद को संतुलित रखना और अपने दिमाग में जो चल रहा है वह किसी को पता न चलने दे। धवन ने कहा, "जब मैं शांत होता हूं तो मैं सबसे अच्छा प्रदर्शन करता हूं। किसी की नकल करना या उदास होने का कोई मतलब नहीं है।"

उन्होंने कहा, "जब मैं दुखी होता हूं तो मैं और जल्दी से आगे बढ़ जाता हूं। मुझे नहीं पता कि लोग मेरे बारे में क्या लिख रहे हैं। मैं हमेशा यकीन रखता हूं कि मैं मन के सकारात्मक दायरे में हूं और अपनी इस प्रक्रिया को जारी रखूंगा।"

अपनी प्रक्रिया पर है भरोसा

प्रक्रिया एक ऐसा शब्द है जिसके लगभग हर भारतीय क्रिकेटर के लिए अलग मायने हैं। ऐसे में जब धवन से प्रक्रिया पर अपने विचार रखने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, "जब मैं खुद से बात करता हूं, तो मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि मैं नकारात्मक विचारों को मन में ना आने दूं।"

"मैं वास्तविकता को स्वीकार करता हूं और आगे बढ़ता हूं। जो कुछ हो रहा है मैं उसका विरोध नहीं करता हूं। अगर यह अच्छा चल रहा है, तो अच्छा है।"

एकदिवसीय मैचों में पांच हजार से अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज के लिए तीन चीजें सबसे ऊपर हैं। धवन ने कहा, "अगर मैं अपने हर तरह के कौशल पर काम कर रहा हूं, अपनी फिटनेस का ख्याल रख रहा हूं और सही मानसिकता रखता हूं, तभी मैं खेल का आनंद लेता हूं।"

ऋषभ पंत का दिया साथ

धवन ने अपने जूनियर खिलाड़ी ऋषभ पंत पर एक सहानुभूतिपूर्ण रवैया पेश किया, जिनका स्टंप के पीछे एक खराब दिन रहा था। आखिरी दो मैचों के लिए महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेने वाले युवा अपने दस्ताने के साथ कमजोर थे और उन्होंने एक आसान स्टम्पिंग का मौका भी गवा दिया था।

उन्होंने कहा "किसी भी अन्य युवा खिलाड़ी की तरह, आपको उसे भी समय देना होगा। मेरा मतलब है कि धोनी भाई ने कितने सालों से कितने खेल खेले हैं और आप ऐसे ही दोनों की तुलना नहीं कर सकते।"

"हां, उस स्टंपिंग ने खेल को प्रभावित किया था, हो सकता है कि मैच बदल सकता था लेकिन फिर वह हमारे हाथों से जल्दी से फिसल गया और इसके लिए ओस ने एक बड़ी भूमिका निभाई।"

पांच मैचों की श्रृंखला के चौथे वनडे में हार के परिणामस्वरूप, श्रृंखला 2-2 से बराबरी पर रही। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथा वनडे हारने के बाद, भारत को अब नई दिल्ली में श्रृंखला के निर्णायक मैच जीतने की उम्मीद होगी। भारत बुधवार, 13 मार्च को नई दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में पांचवें और अंतिम वनडे में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad