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राहुल द्रविड़ ने स्वीकारा, आज के इंटरनेशनल क्रिकेट में उनके लिए बने रहना होता मुश्किल

राहुल द्रविड़ को यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं कि वह जिस तरह से धीमी बल्लेबाजी करते थे, उसे देखते...
राहुल द्रविड़ ने स्वीकारा, आज के इंटरनेशनल क्रिकेट में उनके लिए बने रहना होता मुश्किल

राहुल द्रविड़ को यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं कि वह जिस तरह से धीमी बल्लेबाजी करते थे, उसे देखते उनके लिए आज की इंटरनेशनल क्रिकेट में बने रहना मुश्किल होता। लेकिन इसके साथ ही उनका मानना है कि डिफेंस टेक्निक का अस्तित्व बना रहेगा, भले ही इसका महत्व कम होता जा रहा है। द्रविड़ ने कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों ने वनडे क्रिकेट में नए प्रतिमान स्थापित कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन टेस्ट क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज की हमेशा जरूरत रहेगी। जहां तक उनकी खुद की बात है तो उन्हें डिफेंसिव कहलाने में गुरेज नहीं, क्योंकि वह शुरू से ही टेस्ट खिलाड़ी बनना चाहते थे।

राहुल द्रविड़ ने पूर्व भारतीय खिलाड़ी संजय मांजरेकर के साथ ईएसपीएनक्रिकइन्फो वीडियोकास्ट में कहा, ''अगर इसका मतलब लंबे समय तक क्रीज पर बने रहना या गेंदबाजों को थकाना या मुश्किल परिस्थितियों में नई गेंद की चमक खत्म करना है ताकि बाद में खेलना आसान हो सके तो मैं ऐसा करता था।''

मैं भी वीरेंद्र सहवाग के जैसे बल्लेबाजी कर सकता था

उन्होंने कहा, ''मैं इसे अपनी भूमिका के तौर पर देखता था और मुझे इस पर गर्व है। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं वीरेंद्र सहवाग के जैसे बल्लेबाजी नहीं करना चाहता था या उस तरह से शॉट नहीं खेलना चाहता था, लेकिन हो सकता है कि मेरा हुनर अलग तरह का हो। मेरा कौशल प्रतिबद्धता और एकाग्रता से जुड़ा था और मैंने इस पर काम किया।''

इस पूर्व कप्तान ने इसके साथ ही कहा कि वह 300 से अधिक वनडे में खेले जिसका मतलब है कि उनकी भूमिका केवल विकेट बचाए रखने तक ही सीमित नहीं थी। द्रविड़ ने कहा, ''निश्चित तौर पर मैं जिस तरह से बल्लेबाजी करता था। अगर आज के दिनों में वैसी बल्लेबाजी करता तो मैं (टीम में) टिक नहीं पाता। आज का स्ट्राइक रेट देखो। वनडे क्रिकेट में मेरा स्ट्राइक रेट सचिन (तेंडुलकर) या वीरू (सहवाग) जैसा नहीं था, लेकिन तब हम उसी तरह से क्रिकेट खेला करते थे।''

कोहली या रोहित शर्मा से नहीं कर सकता अपनी तुलना

उन्होंने कहा, ''मैं अपनी तुलना कोहली या रोहित शर्मा से नहीं कर सकता हूं, क्योंकि उन्होंने वनडे के प्रतिमानों को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैं एक टेस्ट खिलाड़ी बनने की सोच के साथ आगे बढ़ा था।'' क्रिकेट अब बड़े स्कोर वाला खेल बन गया है, लेकिन द्रविड़ ने कहा कि रक्षात्मक बल्लेबाजी से किसी को खेल के सर्वश्रेष्ठ फॉर्मैट (टेस्ट) में कड़े स्पैल और मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने में मदद मिलती है।

क्रिकेट में बने रहने के लिए टेस्ट क्रिकेटर होना जरूरी

उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि भले ही इसका महत्व कम होता जा रहा है,  लेकिन आपको तब भी अपने विकेट का बचाव करना होता है। आज के दिन में क्रिकेट में बने रहने के लिए आपका टेस्ट क्रिकेटर होना जरूरी नहीं है। आप टी20 या वनडे में करिअर बना सकते हैं और डिफेंसिव टेक्निक के बिना भी खेल में बने रह सकते हो।'' द्रविड़ ने कहा, ''एक पीढ़ी पहले आपको खेल में बने रहने के लिए टेस्ट क्रिकेटर होना पड़ता था। कई खिलाड़ियों की आज भी अच्छी रक्षात्मक तकनीकी है फिर चाहे वह कोहली हो, (केन) विलियमसन या (स्टीव) स्मिथ।''

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