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वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में शतक से चूके रहाणे ने कहा मैं स्वार्थी नहीं हूं

मैं स्वार्थी नहीं हूं, ऐसा कहना है भारत के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे का जो गुरुवार को एंटीगा के सर विवियन...
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में शतक से चूके रहाणे ने कहा मैं स्वार्थी नहीं हूं

मैं स्वार्थी नहीं हूं, ऐसा कहना है भारत के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे का जो गुरुवार को एंटीगा के सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में पहले टेस्ट मैच के पहले दिन वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने शतक से चूक गए। रहाणे ने 81 रनों की पारी खेली जिससे संघर्ष करते हुए भारत ने पहले दिन छह विकेट के नुकसान पर 203 रनों का स्कोर बनाया। रहाणे जब बल्लेबाजी करने आए उस समय भारत का स्कोर तीन विकेट पर 25 रन था। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में उनकी टीम संकट में थी। ऐसे समय पर उन्होंने 81 रनों की पारी खेलकर टीम को मुश्किल से निकाला। रहाणे भले ही शतक नहीं बना पाए लेकिन टीम के लिए उपयोगी पारी खेलने की उन्हें खुशी है। दो साल पहले रहाणे ने टेस्ट क्रिकेट में सेंचुरी लगाई थी, लेकिन गुरुवार को उससे चूकने को लेकर उन्हें मलाल नहीं है।

सिर्फ टीम के बारे में सोचता हूं

रहाणे जानते थे कि शतक से चूकने का सवाल उनसे जरूर पूछा जाएगा। उन्होंने अपना आखिरी शतक श्रीलंका के खिलाफ 2017 में बनाया था। दिन का खेल समाप्त होने तक भारत का स्कोर छह विकेट पर 203 रन था। रहाणे ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब तक मैं क्रीज पर होता हूं तब तक सिर्फ टीम के बारे में सोचता हूं, मैं स्वार्थी नहीं हूं। तो हां, मुझे शतक से चूकने का कोई दुख नहीं है क्योंकि मुझे लगता है कि इस विकेट पर 81 रनों की पारी भी काफी थी और हम अब इस टेस्ट में ठीक-ठाक पोजिशन पर हैं।

शतक के बारे में ज्यादा चिंतित नहीं था

शतक बनाना अच्छा होता लेकिन परिस्थिति के अनुसार खेलना ज्यादा मायने रखता है। रहाणे ने कहा कि जब तक मैं टीम के लिए योगदान कर कर रहा हूं यह ज्यादा मायने रखता है। हां, मैं अपने शतक के बारे में सोच रहा था लेकिन जिस परिस्थिति 25 रन पर तीन विकेट थी, जो काफी मुश्किल थी। जैसा कि मैंने कहा कि मैं सिर्फ टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। मैं अपने शतक के बारे में ज्यादा चिंतित नहीं था क्योंकि परिस्थिति के अनुसार खेलते हुए अपने आप बन जाता।

कीमर रोच और शैनन गेब्रियल ने शानदार गेंदबाजी की

रहाणे के अर्धशतक के अलावा, वेस्टइंडीज के दो गेंदबाजो ने भी शानदार प्रदर्शन किया कीमर रोच और शैनन गेब्रियल ने क्रमश: तीन और दो विकेट चटकाए। इसके अलावा भले ही कप्तान जेसन होल्डर ने कोई विकेट नहीं लिया, लेकिन उन्होंने भारत को दबाव में लाने में बहुत मदद की क्योंकि उन्होंने 15 में से नौ मेडन ओवर फेंके।

अपनी बल्लेबाजी में सुधार के कारण खेले काउंटी

31 वर्षीय इस बल्लेबाज ने कुछ महीने इंग्लिश काउंटी हैम्पशर के लिए क्रिकेट खेला था। उन्होंने काउंटी के लिए सात मैच खेलते हुए एक शतक और एक हाफ सेंचुरी लगाई थी। मुंबई के इस बल्लेबाज को लगता है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या काउंटी में खेलने का उन्हें फायदा मिला है अथवा नहीं, लेकिन बेशक इससे कुछ अच्छी बैटिंग प्रैक्टिस मिल गई।

रहाणे ने कहा कि देखिए, काउंटी में खेलना महत्वपूर्ण होता है। जब मेरा चयन विश्व कप की टीम के लिए नहीं हुआ तब मैंने काउंटी के लिए खेलने का फैसला किया। मैं उन दो महीनों को इस्तेमाल करना चाहता था और इस दौरान मैंने सात काउंटी मैच खेले। मैं अपनी बल्लेबाजी के कुछ ‌विंदुओं पर काम करना चाहता था।

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