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भज्‍जी बोले, कैप्‍टन विराट कोहली को मिलेगा कुंबले का सुनहरा साथ

भारतीय टीम के नव नियुक्त कोच अनिल कुंबले के लंबे समय तक जोड़ीदार रहे हरभजन सिंह का मानना है कि टेस्ट कप्तान विराट कोहली को इस लेग स्पिनर के रूप में एक आदर्श मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक मिलेगा और ये दोनों मिलकर भारतीय क्रिकेट को नये स्तर पर ले जाएंगे।
भज्‍जी बोले, कैप्‍टन विराट कोहली को मिलेगा कुंबले का सुनहरा साथ

हरभजन ने पीटीआई से साक्षात्कार में कहा, अनिल कुंबले हमेशा टेस्ट क्रिकेट में भारत के सर्वकालिक महान मैच विजेता बने रहेंगे और वह इस टीम में भी जीत की भूख जगाएंगे। विराट को उनसे काफी कुछ सीखने को मिलेगा। विराट को ड्रा में विश्वास नहीं है और अनिल भाई भी ऐसा नहीं चाहते। वह विराट के आदर्श मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक होंगे।

कुंबले के साथ लगभग एक दशक तक खेलने वाले हरभजन ने सीधे शब्दों में कहा कि कुंबले टीम में क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा, अविश्वसनीय कार्य प्रणाली और अनुशासन। इससे भी बढ़कर विरोधी बल्लेबाजों के खिलाफ उनकी कुशल रणनीति बनाने की क्षमता। मेरा मानना है कि अनिल भाई के साथ खिलाड़ी चौथे और पांचवें दिन टेस्ट मैच जीतने की कला सीखेंगे। वह इस गलतफहमी को बदल देंगे कि भारतीय स्पिनरों को घरेलू सरजमीं पर टेस्ट मैच जीतने के लिये अनुकूल विकेट चाहिए।  हरभजन का मानना है कि अंतरराष्टीय स्तर पर कोचिंग डिग्री बहुत मायने नहीं रखती है। उन्होंने कहा, मुझे बताईये कि कोच की भूमिका क्या होती है? इस स्तर पर उसकी भूमिका रणनीति तैयार करने में कप्तान की मदद करना होता है। मुंबई इंडियन्स में वह मुझसे और लसिथ मलिंगा से बात करते थे क्योंकि वह गेंदबाजी विभाग के अगुआ थे। हम उन्हें बताते थे कि हम क्या रणनीति बना रहे हैं और वह हमें फीडबैक देते थे। जब आपको वह फीडबैक मिलता था तब आपको पता चलता था कि उन्होंने अपना होमवर्क अच्छी तरह से किया था। हरभजन ने उदाहरण दिया कि उन्होंने किस तरह से 2004-05 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में मैथ्यू हेडन का तोड़ निकाला और इसका मुख्य श्रेय कुंबले की रणनीति को जाता है।

उन्होंने कहा,  2001 की श्रृंखला के दौरान हेडन ने 549 रन बनाये थे। वह यहां तक कि आफ स्टंप से बाहर की गेंद को भी स्वीप कर देता था। 2004-05 की श्रृंखला के दौरान भले ही हम 1-2 से हार गये लेकिन हमने हेडन की गुत्थी सुलझा दी और उसने 250 से कम (आठ पारियों में 244 रन) रन बनाये। वह अनिल भाई थे जिन्होंने मुझे बताया था कि हेडन को किन क्षेत्र में गेंदबाजी करनी है। मैंने उसे तीन बार तथा अनिल भाई और मुरली कार्तिक ने एक-एक बार आउट किया। कुंबले के साथ दूसरे छोर से सैकड़ों ओवर करने के बाद वह उन्हें कैसा गेंदबाज मानते हैं जिनके नाम पर 619 टेस्ट विकेट दर्ज हैं जबकि उनके पास शेन वार्न जैसी घातक गुगली और प्रभावशाली लेग ब्रेक नहीं थी?

हरभजन ने जवाब दिया, वह औसत बुद्धिमता से ऊपर थे। आप शब्दकोष में बुद्धिमता शब्द की जगह अनिल कुंबले को रख सकते हैं। एक गेंदबाज के रूप में उनकी सबसे बड़ी योग्यता गेंद के सिलाई वाले हिस्से को टप्पा करवाना था। वह 100 में से 95 बार ऐसा कर सकते थे। ऐसे में सपाट पिचों पर भी अनिल भाई को उछाल मिलती थी। मुझे नहीं लगता कि लेंथ के मामले में कोई अन्य भारतीय गेंदबाज में उनकी तरह निरतंरता थी।

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