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जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में बनाया नया कीर्तिमान, बने सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले पेसर

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह...
जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में बनाया नया कीर्तिमान, बने सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले पेसर

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में एक नया इतिहास रचा। उन्होंने डेरेन ब्रावो का विकेट लिया और वो कामयाबी अपने नाम कर दी जिसने उन्हें भारतीय तेज गेंदबाजों की लिस्ट में सबसे उपर लाकर खड़ा कर दिया। ब्रावो को आउट करते हुए बुमराह ने कई कमाल के रिकॉर्ड्स अपने नाम कर लिए। 

मो शमी और वेंकटेश प्रसाद को पछाड़ा

भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में जसप्रीत बुमराह सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले भारत के पहले तेज गेंदबाज बन गए हैं। बुमराह ने अपने टेस्ट करिअर के 11वें मैच में ही इस मुकाम को हासिल किया। बुमराह से पहले मो शमी और वेंकटेश प्रसाद तेज गेंदबाज के तौर पर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे। दोनों ने 13वें टेस्ट मैच में ये कमाल किया था। अब बुमराह ने इन दोनों को पीछे छोड़ते हुए सिर्फ 11 मैच में 50 टेस्ट विकेट लेकर नया कीर्तिमान स्थापित किया।

गेंदो के हिसाब से भी बनाया रिकॉर्ड

साथ ही जसप्रीत बुमराह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम गेंदों पर 50 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बन गए हैं। बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट की 2465वीं गेंद पर 50वां विकेट लिया। इससे पहले ये रिकॉर्ड आर अश्विन के नाम पर था। अश्विन ने अपने टेस्ट करिअर का 50वां विकेट 2597वें गेंद पर लिया था। अब बुमराह अश्विन को पीछे छोड़कर भारत की तरफ से सबसे कम गेंदों पर टेस्ट में 50 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। 

आर अश्विन अभी भी सबसे उपर

वहीं अगर सभी गेंदबाजो की बात करें तो भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले गेंदबाज आर अश्विन हैं। अश्विन ने अपने टेस्ट करिअर के 9वें मैच में ही ये कमाल किया था। वहीं इस मामले में दूसरे स्थान पर अनिल कुंबले हैं। कुंबले ने ये सफलता 10वें टेस्ट मैच में हासिल की थी। वहीं जसप्रीत बुमराह भारत की तरफ से सबसे तेज 50 टेस्ट विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने 11वें मैच में ये कमाल किया। बुमराह अब संयुक्त रूप से नरेंद्र हिरवानी और हरभजन सिंह के साथ इस मामले में तीसरे नंबर पर आ गए हैं। नरेंद्र हिरवानी और हरभजन सिंह ने भी अपने 11वें टेस्ट मैच में ये कमाल किया था। 

यह रहा मैच का लेखा-जोखा 

वहीं अगर मैच के स्कोर की बात करें तो  पहले दिन के अपने स्कोर छह विकेट पर 203 रन के स्कोर से आगे खेलने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही और जल्दी ही ऋिषभ पंत का विकेट गंवा दिया। पंत के आउट होने के बाद 207 के स्कोर पर इशांत शर्मा बल्लेबाजी करने उतरे। उन्होंने रवींद्र जडेजा के साथ मोर्चा संभालते हुए भारतीय टीम को 250 रन के पार पहुंचाया। इशांत और जडेजा के बीच आठवें विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी हुई। जब वह 62 गेंद पर 19 रन बनाकर आउट हुए तब टीम का स्कोर 267 रन हो चुका था। इशांत की धैर्य वाली पारी की बदौलत ही टीम इंडिया पहली पारी में 300 रन के करीब( 297) पहुंचने में सफल हुई।

सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने के बाद टीम इंडिया के सामने चुनौता मेजबान कैरेबियाई टीम को जल्दी समेटने की थी। इशांत ने अपने अनुभव का भरपूर इस्तेमाल करते हुए विंडीज के बल्लेबाजों को एक-एक करके चलता कर दिया। मैच के आखिरी पलों में उन्होंने सात गेंदो के अंतराल में शाई होप, शेमरॉन हेटमायर और केमार रोच के विकेट लेकर विंडीज को 189 रन पर आठ विकेट पर ला पटका। इशांत ने मैच में 42 रन देकर पांच विकेट लिए। टेस्ट क्रिकेट में 9वीं बार उन्होंने पांच या उससे अधिक विकेट हासिल किए हैं। वेस्टइंडीज अभी भी 108 रनों से पिछड़ रही है।

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