Advertisement

रणजी ट्रॉफी में कमेंटेटरों के हिंदी को हमारी मातृभाषा बताने पर बढ़ा था विवाद, मांगी माफी

कर्नाटक और बड़ौदा के बीच बेंगलुरु के एम चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम में गुरुवार को रणजी ट्रॉफी...
रणजी ट्रॉफी में कमेंटेटरों के हिंदी को हमारी मातृभाषा बताने पर बढ़ा था विवाद, मांगी माफी

कर्नाटक और बड़ौदा के बीच बेंगलुरु के एम चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम में गुरुवार को रणजी ट्रॉफी मुकाबले के दौरान दो अनुभवी कमेंटेटरों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। रजिंदर अमरनाथ और सुशील दोषी ने ऑन एयर कहा कि हर भारतीय को हिंदी भाषा बोलना आना चाहिए क्‍योंकि यह हमारी मातृभाषा है। उन्‍होंने साथ ही कहा कि भारत में हिंदी से बढ़कर कोई भाषा नहीं है।

खेल खत्‍म होने के बाद भी माफी मांगी

सोशल मीडिया यूजर्स ने अमरनाथ और दोषी के बयान पर जमकर भड़ास निकाली। क्रिकेट फैंस ने कहा कि इन दोनों ने भाषा को थोपने की कोशिश की और दर्शकों को गलत संदेश दिया। बढ़ते विवाद को देखते हुए अमरनाथ और दोषी दोनों ने अपने बयानों के लिए माफी मांगी। पहले दोनों ने ऑन एयर की अपनी गलती स्‍वीकार की और फिर दिन का खेल खत्‍म होने के बाद भी माफी मांगी।

इरादा भाषा को थोपने का नहीं था

1983 विश्‍व कप विजेता टीम के सदस्‍य मोहिंदर अमरनाथ के भाई रजिंदर ने टी टाइम से पहले माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा भाषा को थोपते हुए किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। अमरनाथ ने ऑन एयर कहा, ‘इरादा कभी भी भाषा को थोपने का नहीं था। देश की सभी भाषाएं देश का हिस्‍सा हैं। हर कोई अपनी भाषा बोलना पसंद करता है। मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।’

हर भारतीय को हिंदी पता होना चाहिए

दिन का खेल समाप्‍त होने के बाद अमरनाथ और दोषी ने मीडिया से इस मामले में बातचीत की। अमरनाथ ने कहा कि कमेंट्री के दौरान इस्‍तेमाल की गई भाषा गलत जगह पहुंची। अमरनाथ ने साथ ही पूछा कि अगर हिंदी हमारी मातृभाषा नहीं है तो कौन सी है? अमरनाथ ने कहा कि इसे न मानना कहां तक सही है कि हिंदी हमारे देश की मातृभाषा नहीं है? उन्‍होंने बाद में स्‍वीकार किया कि कमेंट्री के दौरान भाषा का इस्‍तेमाल गलत जगह हुआ। उन्‍होंने कहा, मेरा मतलब यह था कि हर भारतीय को हिंदी पता होना चाहिए न कि उसे आना ही चाहिए।

कुछ क्रिकेटर्स पर आता है गुस्सा

इससे पहले दोनों कमेंटेटरों ने भारत में हिंदी के उपयोग पर बातचीत की थी। अमरनाथ ने कहा था कि हर भारतीय को हिंदी आना चाहिए जबकि दोषी ने उन क्रिकेटरों पर सवाल किया था, जिन्‍हें अपने हिंदी बोलने पर गर्व है। अमरनाथ ने ऑन एयर कहा था कि मुझे उन लोगों पर बड़ा गुस्‍सा आता है जब वह कहते हैं, हम क्रिकेटर्स हैं, लेकिन हम फिर भी हिंदी में बात करेंगे। आप भारत में जी रहे हैं और निश्चित ही भारत की भाषा बोलेंगे। इसमें गर्व करने वाली बात क्‍या है?' दोषी ने अमरनाथ की बात का जवाब इस तरह दिया था।

केएल. राहुल और मनीष पांडे ने कन्नड़ में की थी बात

उनका दरअसल बुधवार को, भारत के बल्लेबाज केएल. राहुल और मनीष पांडे के न्यूजीलैंड के खिलाफ माउंट माउंगानुई में तीसरे और अंतिम वनडे के दौरान कन्नड़ में बात करते हुए पाए जाने से था। उनकी बातचीत में "ओडी ओडी बा" (दौड़ते हुए), "बारथेरा" (क्या तुम आओगे), "बेद बेदा" (नहीं नहीं) और "बा बा" (आओ) जैसे शब्द थे जिन्होंने कर्नाटक में क्रिकेट प्रेमियों को प्रसन्न किया होगा। ।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad