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अगर माना गया सचिन तेंडुलकर का यह सुझाव तो वनडे में भी होंगी चार पारियां

क्रिकेट की खास बात यह है कि उसमें लगातार कुछ न कुछ बदलाव होते रहे हैं। नियमों में बदलाव कर उसी क्रिकेट...
अगर माना गया सचिन तेंडुलकर का यह सुझाव तो वनडे में भी होंगी चार पारियां

क्रिकेट की खास बात यह है कि उसमें लगातार कुछ न कुछ बदलाव होते रहे हैं। नियमों में बदलाव कर उसी क्रिकेट में नया रोमांच पैदा करने की कोशिश की जाती है। अब एक बार फिर क्रिकेट में कुछ नया करने की जरूरत है। अगर मैच में रोमांच बनाए रखना है और रेवन्‍यू को बढ़ाना है तो नई नई चीजों को अपनाना होगा। अब दुनिया के महान बल्‍लेबाजों में शुमार और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंडुलकर ने क्रिकेट को और भी लोकप्रिय बनाने के लिए नया सुझाव दिया है।

एक इंटरव्‍यू में यह सारी बातें कहीं

सचिन का मानना है कि एक दिवसीय क्रिकेट में कुछ नया करने का वक्‍त आ गया है। उनका मानना है कि 50 ओवर के खेल में अब दो नहीं बल्‍कि चार पारियां होनी चाहिए। एक ही साथ 50 ओवर खेलने के बाद टीमों को 25-25 ओवर दो बार खिलाने चाहिए। इसके साथ ही हर पारी के बाद 15-15 मिनट का ब्रेक यानी विश्राम मिलना चाहिए। सचिन ने अंग्रेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्‍यू में यह सारी बातें कहीं।

ऐसे उदाहरण देते हूए समझाया

सचिन ने कहा कि एक दिवसीय मैचों को अब 25-25 ओवर की जरूरत है। उन्‍होंने कहा एक दिवसीय मैचों में कई ऐसी चीजें हैं, जो जोड़ी जा सकती हैं। उन्‍होंने उदाहरण देते हूए कहा कि टीम ए और टीम बी के बीच मैच है। टीम ए ने टॉस जीता और पहले 25 ओवर तक बल्‍लेबाजी की। इसके बाद टीम बी 25 ओवर बल्‍लेबाजी करेगी। इसके बाद टीम ए फिर से बल्‍लेबाजी करे और जितने विकेट बचे हैं, उसके साथ मैदान में उतरे। इसके बाद टीम बी लक्ष्य को हासिल करने के लिए बल्‍लेबाजी करेगी। अगर टीम ए पहले 25 ओवर में ही ऑलआउट हो जाती है तो टीम बी को लक्ष्य को हासिल करने के लिए पहले 25 ओवर उसके बाद ब्रेक और उसके बाद दूसरे 25 ओवर में लक्ष्य प्राप्‍त करना होगा। उन्‍होंने कहा कि इस तरह के कई आइडिया पर काम किया जा सकता है, इससे क्रिकेट का रोमांच और भी बढ़ेगा।

टेस्ट फॉर्मेट की तर्ज पर होंगी चार पारियां पर थोड़ा फर्क रहेगा

उन्होंने एक और बात कही। सचिन ने कहा कि टेस्ट फॉर्मेट की तर्ज पर यहां चार पारियां तो होंगी लेकिन वैसे ही नहीं होगी। क्योंकि टेस्ट में पहली टीम पहली पारी में या तो पारी घोषित करती है या अपना पूरा विकेट खो देती है। फिर अपनी दूसरी पारी नए सिरे से शुरू करती है। मगर वनडे में ऐसा नहीं होगा। यहां पहली टीम को दूसरी पारी तभी मिलेगी जब उसके कुछ विकेट सुरक्षित हों। यानी की अगर टीम ए अपने पहले ही 25 ओवर में ऑलआउट हो जाती है तो उसे दूसरी पारी नहीं मिलेगी।

ओस और दूधिया रोशनी में दोनों टीमों को बराबर मौका मिलेगा

सचिन तेंडुलकर ने कहा कि इस वक्‍त बाद में गेंदबाजी करने वाली टीम के लिए ओस का फैक्‍टर सामने आ जाता है। अगर नया नियम लागू होता है तो दोनों टीमों के पास मैच जीतने के लिए पर्याप्‍त अवसर होंगे। इससे दोनों टीमों को दूधिया रोशनी में गेंदबाजी और बल्‍लेबाजी करनी होगी। सचिन ने कहा कि इससे यह भी फायदा होगा कि एक टीम अगर एक पारी में अच्‍छा नहीं खेल पाती है तो दूसरी पारी में उसके पास कमबैक करने का भी मौका होगा।

बारिश में परिणाम निकालने में भी आसानी होगी

इस नियम से अगर मैच में बारिश की भी आशंका है तो टीमें उसी हिसाबि से अपनी रणनीति में भी बदलाव कर सकती हैं। इससे मैच का परिणाम निकालने में भी आसानी होगी। तेंडुलकर ने कहा कि अभी बारिश होने पर मैच का नतीजा डकवर्थ लुइस नियम से निकलता है, लेकिन ईमानदारी की बात यह है कि इसे हममें से अब तक कोई भी समझ नहीं पाया है। इसे सिर्फ दो ही लोग समझते हैं।

सचिन तेंडुलकर का कहना है ऐसा करने दर्शकों में वनडे क्रिकेट के प्रति रूझान बढ़ेगा। साथ ही ब्रॉडकास्टर्स को भी फायदा होगा और क्रिकेट बोर्ड्स को ज्यादा राजस्व मिल सकेगा। इसके अलावा सचिन ने भारत के घरेलु क्रिकेट में भी बदलाव का सुझाव दिया है।

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