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पांच बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया की टीम में इस बार नही पहली वाली बात

क्रिकेट विश्व कप के 12वें संस्करण के शुरू होने में अब सिर्फ कुछ ही दिन बाकी हैं। जी हां, 30 मई से शुरू होने...
पांच बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया की टीम में इस बार नही पहली वाली बात

क्रिकेट विश्व कप के 12वें संस्करण के शुरू होने में अब सिर्फ कुछ ही दिन बाकी हैं। जी हां, 30 मई से शुरू होने जा रहे विश्व कप की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लंदन के द ओवल ग्राउंड में 30 मई को उद्घाटन मुकाबला मेजबान इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा।  जिसमें ऑस्ट्रेलिया के अभियान की शुरुआत एक जून से अफगानिस्तान के खिलाफ होगी। विश्व कप 2015 का खिताब भी ऑस्ट्रेलिया ने ही जीता था, क्या इस बार भी अपनी दावेदारी को मजबूती से पेश कर पाएगी ऑस्ट्रेलियाई टीम।

पहले की टीम थी ज्यादा मजबूत

हालांकि इस बार की जो ऑस्ट्रेलियाई टीम है, वह पहले जैसी मजबूत नही है एक आरोन फिंच, डेविड वार्नर, स्टीव स्मिथ, ग्लेन मैक्सवेल और मिशेल स्टार्क को छोड़ दें तो कोई भी ऐसा खिलाड़ी नही है जो अपने दम पर मैच का रूख पलट सके। वहीं अगर आप पहले खिलाड़ियों को देखें तो उनमें माइकल क्लार्क, मिशेल जॉनसन, शेन वॉटसन, रिकी पॉन्टिंग, मैथ्यू हैडन, एडम गिलक्रिस्ट जैसे कई दिग्गज मौजूद थे, जिनका नाम विश्व क्रिकेट में बहुत बड़ा था और उनमें किसी भी मैच को पलटने का माद्दा रखते थे।

ऑस्ट्रेलिया और भारत मेजबान रहते जीते हैं खिताब

वर्ष 2011 में विश्व कप के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था जब किसी मेजबान देश ने विश्व कप का खिताब जीता हो। इससे पहले किसी भी मेजबान देश ने ऐसा नहीं किया था। भारत ने जिस परंपरा की शुरुआत की वो अगले विश्व कप में जारी रहा और वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने भी अपनी ही धरती पर विश्व कप का खिताब पांचवी बार जीता।

न्यूजीलैंड को हरा जीते थे 2015 का खिताब

बात करें 2015 विश्व कप की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने मिलकर की थी। कमाल की बात ये रही कि इस बार फाइनल में दोनों होस्ट देशों ने ही जगह बनाई। इस बार फाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न स्टेडियम में खेला गया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी कमाल की गेंदबाजी के दम पर न्यूजीलैंड को 45 ओवर में महज 183 रन पर ऑल आउट कर दिया था। जीत के लिए मिले आसान लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने 33.1 ओवर में सात विकेट शेष रहते हासिल कर लिया। इस तरह अपनी ही धरती पर विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया भारत के बाद दूसरा देश बना। ये कंगारू टीम का पांचवां विश्व कप खिताब था। 

कुछ एक खिलाड़ी पर ही होंगे निर्भर

एक समय ऐसा था जब ऑस्ट्रेलिया टीम का नाम और रूतबा क्रिकेट जगत में बहुत बड़ा था, हालांकि अब इस ऑस्ट्रेलियाई टीम में वो पहले वाली बात नही है। लेकिन इस टीम को कम अंकना या कमजोर समझना एक भूल होगी। इस टीम में अब भी ऐसे खिलाड़ी मौजूद हैं जो अपने दम पर किसी भी मैच का पासा पलट सकते हैं।

खिताबी जीत की हैट्रिक लगा चुकी है

अगर बात करें साल 2007 विश्व कप की, तो वह विश्व कप का नौवां संस्करण खेला गया जिसकी मेजबानी वेस्टइंडीज ने की थी। ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर विश्व कप का खिताब चौथी बार अपने नाम किया जबकि खिताबी जीत की हैट्रिक भी लगाई थी। उसने इससे पहले 1999 और 2003 में भी खिताब जीता था। उसका पहला विश्व कप 1987 में आया था और पिछला विश्व कप भी उसके ही नाम रहा था। अब तक हुए 12 विश्व कप में से पांच ऑस्ट्रेलिया के नाम रहे हैं।

मजबूत पक्ष

डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ के टीम में जुड़ने से ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन निश्चिततौर पर और बेहतर होगा। जब ये दोनों खिलाड़ी टीम से बाहर थे तो ऑस्ट्रेलियाई टीम का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा था। उनके टीम में वापस आने से पूरी टीम उत्साहित है।  आईपीएल में खेलना उनके लिए शानदार रहा है। डेविड वॉर्नर तो आईपीएल में अपने पहले मैच से ही उम्दा लय में खेले। फील्डिंग के दौरान स्मिथ को आईपीएल में कुछ परेशानी जरूर हई थी, लेकिन वह वापस आए और जल्दी ही वह अपनी उम्दा फॉर्म को भी पकड़ लेंगे। ऑस्ट्रेलिया के पास मार्कस स्टॉयनिस और ग्लेन मैक्सवेल के रूप दो उम्दा ऑलराउंडर भी हैं, जो बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं।

गेंदबाज कर सकते हैं परेशान

वहीं अगर बात करें गेंदबाजी कि तो मिशेल स्टार्क की वापसी हुई हैं। पैट कमिंस भी शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं, इनके जूड़ने से टीम की गेंदबाजी ताकत और भी बेहतर हो गई है। हालांकि गेंदबाजो का बार-बार चोटिल हो जाना भी टीम के लिए एक परेशानी का सबब रहा है, और अगर उसके प्रमुख गेंदबाजो में से कोई टूर्नामेंट के दौरान चोटिल हो जाता है तो वह टीम के लिए एक बड़ा झटका होगा। साथ ही इस बार टीम के पास कोई बैक अप विकेटकीपर भी नही है, जो एक परेशानी खड़ी कर सकता है।

स्पिन जोड़ी पर भी भरोसा

एक टीम के पास बेंच पर रिजर्व ताकत के रूप में मजबूत विकल्प होने चाहिए और इंग्लैंड में सही पेस-अटैक के बिना नहीं जीत सकते हैं। हालांकि इंग्लैंड में इस बार की गर्मियां सूखी और काफी गर्म मौसम वाली होंगी और इसको ध्यान में रखते हुए टीम में एडम जांपा और नाथन लियोन के रूप में दो स्पिनर भी मौजूद हैं।

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