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वर्ल्ड कप के बाद धोनी ले सकते हैं संन्यास, सेमीफाइन या फाइनल बनेगा आखिरी मैच

वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी की धीमी पारियों की लगातार क्रिकेट एक्सपर्ट और फैंस आलोचना कर रहे हैं।...
वर्ल्ड कप के बाद धोनी ले सकते हैं संन्यास, सेमीफाइन या फाइनल बनेगा आखिरी मैच

वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी की धीमी पारियों की लगातार क्रिकेट एक्सपर्ट और फैंस आलोचना कर रहे हैं। इस बीच पीटीआई के हवाले से खबर आ रही है कि वर्ल्ड कप के ठीक बाद पूर्व कप्तान धोनी क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं। संभावना है कि भारतीय टीम का मौजूदा विश्व कप में अंतिम मैच महेंद्र सिंह धोनी के लिए भी आखिरी मुकाबला हो सकता है। धीमी पारी के कारण ही पिछले एक साल से धोनी की बेहतरीन मैच फिनिशर वाली छवि भी धूमिल होने लगी है।

विश्व कप की जीत होगी आदर्श विदाई

अगर भारतीय टीम फाइनल्स के लिए क्वालीफाई करती है और लॉर्ड्स पर 14 जुलाई को विश्व कप में जीत हासिल करती है तो भारतीय क्रिकेट के महान क्रिकेटरों में से एक के लिए यह आदर्श विदाई होगी। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई से बात की है।

धोनी के फैसलों को बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता

रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘महेंद्र सिंह धोनी के बारे में आप कुछ नहीं कह सकते, लेकिन ऐसी संभावना नहीं है कि वह इस विश्व कप के बाद भारत के लिए खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने तीनों प्रारूपों से कप्तानी छोड़ने का फैसला भी अचानक ही लिया था तो इस बारे में भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है।’ 

विश्व कप के बाद ही लिया जाएगा कोई फैसला

मौजूदा चयन समिति के अक्टूबर में होने वाली आम सालाना बैठक तक रहने की संभावना है और वह निश्चित रूप से अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आईसीसी विश्व टी-20 को देखते हुए बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर देगी। हालांकि भारत के यहां विश्व कप सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बाद न तो टीम प्रबंधन और न ही बीसीसीआई इस मुद्दे पर बात करना चाहता है।

तेंडुलकर और गांगुली कर चुके हैं आलोचना

जहां तक रन जुटाने की बात है तो धोनी ने विश्व कप में सात मैचों में 93 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 223 रन बनाए हैं, लेकिन इससे उनकी स्ट्राइक रोटेट करने की अक्षमता नहीं दिखाई देती। अफगानिस्तान के खिलाफ खेली गई 52 गेंदों में 28 रन की पारी की काफी आलोचना हुई। सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली ने भी उनके बल्लेबाजी करने के रवैये की आलोचना की थी। इससे टीम प्रबंधन अच्छी तरह से जानता है कि वे अपने 'प्रिय कप्तान' को विश्व कप से आगे नहीं खिला सकते हैं। उनका मैदान पर योगदान अपार है जो हर प्रेस कांफ्रेंस में हर खिलाड़ी के उनकी तारीफ करने से साफ दिखता है। 

इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम ओवरों में बड़े शॉट्स नहीं लगाने के कारण भी धोनी को फैंस की नाराजगी झेलनी पड़ी। वर्ल्ड कप में लगातार स्पिनर्स के सामने धोनी को संघर्ष करना पड़ रहा है। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में भी धोनी अपने सहज अंदाज में नजर नहीं आए।

जीत के कारण कमियां ढ़क गई हैं

भारत के एक पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि टीम प्रबंधन को चैंपियंस ट्रॉफी के बाद 2017 में एक बड़ा फैसला करना था। उन्होंने फैसला किया कि वे 2019 विश्व कप तक धोनी में एक-दो साल और निवेश करेंगे। भारत धोनी के औसत प्रदर्शन के बावजूद सेमीफाइनल में पहुंच गया है, इसलिए अभी उनकी कमियां ढ़क गई हैं।

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