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बीसीसीआई लोकपाल ने सचिन और लक्ष्मण को जारी किया नोटिस

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण को बीसीसीआई के लोकपाल-सह-आचार-अधिकारी...
बीसीसीआई लोकपाल ने सचिन और लक्ष्मण को जारी किया नोटिस

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण को बीसीसीआई के लोकपाल-सह-आचार-अधिकारी न्यायमूर्ति डीके जैन ने नोटिस भेजा है। नोटिस हितों के टकराव से जुड़े मामले के लिए दिया गया है। दोनों खिलाड़ी आईपीएल फ्रेंचाइजी के मेंटर और बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य के तौर पर दोहरी भूमिकाएं निभा रहे हैं। सचिन मुंबई इंडियंस के, जबकि लक्ष्मण सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटर हैं। दोनों खिलाड़ी इस पर अपना पक्ष रखेंगे।

28 अप्रैल तक देना होगा जवाब

बीसीसीआई के लोकपाल को नियमों और विनियमों के अनुच्छेद 39 के तहत एक शिकायत प्राप्त की गई थी, जो कथित रूप से तेंदुलकर और लक्ष्मण की ओर से हितों के टकराव के रूप में किए गए थे। लोकपाल जैन ने 28 अप्रैल तक इन दोनों खिलाड़ियों और साथ में बीसीसीआई से भी लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है। अगर 28 अप्रैल तक जवाब नहीं दिया तो दोनों खिलाड़ियों को अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया जाएगा।

एमपीसीए के एक सदस्य ने की थी शिकायत

मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के एक सदस्य ने हाल ही में सचिन और लक्ष्मण के खिलाफ ई-मेल से बीसीसीआई लोकपाल को शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि ये खिलाड़ी संविधान और नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

जवाब न देने पर नहीं दिया जाएगा दूसरा मौका

न्यायमूर्ति जैन ने तेंदुलकर को नोटिस में लिखा है कि बीसीसीआई के नियमों और विनियमों के अनुच्छेद 39 के तहत भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के एथिक्स अधिकारी द्वारा कुछ कृत्यों के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई है, कथित रूप से आपकी ओर से हितों का टकराव है। आप इस मामले में आगे की कार्यवाही के लिए नैतिकता अधिकारी, बीसीसीआई, मुंबई के कार्यालय के साथ, 28 अप्रैल 2019 को या उससे पहले, विधिवत निष्पादित हलफनामे द्वारा समर्थित शिकायत के साथ अपनी लिखित प्रतिक्रिया दर्ज करा सकते हैं। लोकपाल ने यह भी कहा कि जवाब देने में विफलता का मतलब यह होगा कि उन्हे अपनी बात को समझाने का कोई और मौका नहीं दिया जाएगा।

सौरव गांगुली को भी मिल चुका है नोटिस

इससे पहले सौरव गांगुली को भी नोटिस दिया गया था। वे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष, सीएसी के सदस्य और दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार का पद साथ-साथ संभाल रहे हैं। उनके खिलाफ कोलकाता के तीन प्रशंसकों भासवती सांतुआ, रणजीत सील और अभिजीत मुखर्जी ने बीसीसीआई लोकपाल डी के जैन को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पूर्व भारतीय कप्तान की दोहरी भूमिका हितों के टकराव के अंतर्गत आती है। हालांकि गांगुली ने लोकपाल के नोटिस पर इन आरोपों का सिरे से खंडन किया था।

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