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टोक्यो ओलंपिक: बजरंग पूनिया से अब कांस्य की ही आस, गोल्ड-सिल्वर की उम्मीदें टूटीं

टोक्यो ओलंपिक में भारत के 'गोल्डन उम्मीदों' को एक और झटका लगा है। दरअसल, भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया...
टोक्यो ओलंपिक: बजरंग पूनिया से अब कांस्य की ही आस, गोल्ड-सिल्वर की उम्मीदें टूटीं

टोक्यो ओलंपिक में भारत के 'गोल्डन उम्मीदों' को एक और झटका लगा है। दरअसल, भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया सेमीफाइनल में  (फ्रीस्टाइल 65 किग्रा भार वर्ग) में मौजूदा ओलंपिक पदक विजेता और तीन बार के विश्व चैंपियन अजरबेजान के पहलवान हाजी अलीयेव से 12-5 से हार गए हैं। ऐसे में अब उनसे अब कांस्य की उम्मीद की जा सकती है।

अजरबेजान के पहलवान शुरूआत से ही बजरंग पर हावी रहे, यही कारण रहा कि पूरे बाउट के दौरान भारतीय पहलवान अपने विरोधी पहलवान से आगे नहीं निकल सके।

हालांकि हार के बाद भी अब बजरंग के पास मेडल जीतने का मौका है। ब्रॉन्ज मेडल की लड़ाई लड़कर बजरंग भारत के लिए पदक अभी भी ला सकते हैं।

पुनिया की इस हार के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि बजरंग पुनिया सेमीफाइनल नहीं जीत पाए तो भी हम आशा करते हैं कि वे कांस्य पदक के कल होने वाले मैच में जीतकर आगे बढ़ेंगे। मैं शुभकामनाएं देता हूं। हम सभी खिलाड़ियों का वापस आने पर सम्मान करेंगे। हम हरियाणा को खेलों का हब बनाएंगे। 

उन्होंने आगे कहा कि जो खिलाड़ी मेडल नहीं भी लेकर आएंगे उन्हें भी 10-10 लाख रुपये वापस लौटते ही मिलेंगे। गोल्ड मेडल पर हम 6 करोड़ रुपये, सिल्वर मेडल पर 4 करोड़ रुपये और ब्रॉन्ज पर 2.5 करोड़ रुपये देते हैं। जो चौथे स्थान पर रहेंगे उनके लिए भी हमने 50 लाख रुपये की राशि घोषित किया है। 

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