Advertisement

Search Result : "नामवर की जीवनी"

कोई दूसरा नामवर न हुआ

कोई दूसरा नामवर न हुआ

“उर्दू साहित्य में जैसे कोई दूसरा गालिब न हुआ, भाषा विज्ञान में कोई दूसरा नोम चोम्स्की न हुआ, बांग्ला...
मिशेल नहीं कोई और थी ओबामा का पहला प्यार

मिशेल नहीं कोई और थी ओबामा का पहला प्यार

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी पत्नी मिशेल से पहले किसी और महिला को दिल दे बैठे थे और वे अपने रिश्ते को लेकर काफी संजीदा थे लेकिन उनका यह प्यार परवान नहीं चढ़ सका।
दिग्गजों की मौजूदगी में हुआ डीपीटी की किताब ‘स्वयंसिद्ध’ का लोकार्पण

दिग्गजों की मौजूदगी में हुआ डीपीटी की किताब ‘स्वयंसिद्ध’ का लोकार्पण

नवें दशक से मराठा सरदार के नाम से चर्चित एवं वरिष्ठ राजनीतिक शरद पवार के जीवन पर आधारित उनकी जीवनी ‘स्वयंसिद्धः शरद पवार का जीवन और समय’ का लोकार्पण वरिष्ठ हिन्दी कवि केदारनाथ सिंह एवं पूर्व योजना आयोग सदस्य डॉ. सैयदा हमीद द्वारा कल शाम दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-1 में किया गया, जिसमें एनसीपी महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता देवी प्रसाद त्रिपाठी (जीवनी लेखक), पवार की पुत्री सुप्रिया सुले, साहित्यकार अशोक वाजपेयी, हर्षवर्धन नेवटिया, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, जया बच्चन, राजीव शुक्ला समेत प्रकाशन परिवार प्रमुख शिरकत रही|
साहित्य अकादेमी की महत्तर सदस्यता का ‘नामवर’ होना

साहित्य अकादेमी की महत्तर सदस्यता का ‘नामवर’ होना

साहित्य अका‌देमी, नई दिल्ली के सभागार में कल की शाम तब एक यादगार शाम बन गई जब अकादेमी ने जीवित किंवदंती बने हिंदी के शीर्षस्‍थ आलोचक नामवर सिंह को महत्तर सदस्यता का अपना सर्वोच्च सम्मान अर्पित किया। अध्यक्ष और सचिव के संयुक्तरूप से शाल व ताम्र-पत्र आदि वयोवृद्ध आलोचनाविद् सिंह को सौंपते ही अनेक आंखों/चेहरों के खिलने के साथ हाल तालियों से गूंज उठा।
प्रगति मैदान में मिलेंगे अगले साल, अब गुवाहाटी की तैयारी

प्रगति मैदान में मिलेंगे अगले साल, अब गुवाहाटी की तैयारी

पुस्तक प्रेमियों की भीड़ भरी यादों के साथ प्रगति मैदान का नई दिल्ली पुस्तक मेला, ‘मिलेंगे फिर अगले साल जनवरी में’ संदेश के साथ संपन्‍न हुआ। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास फिलहाल इसी माह की 28 तारीख से शुरू होने वाले तीन दिवसीय ब्रह्मपुत्र साहित्य उत्सव, गुवाहाटी की तैयारी में लग गया है।
नामवर सिंह के जन्मदिन समारोह में आया, अब कोई असहिष्णु नहीं कहेगा – राजनाथ

नामवर सिंह के जन्मदिन समारोह में आया, अब कोई असहिष्णु नहीं कहेगा – राजनाथ

यह किसी साहित्यकार की पूंजी ही है जो पिछले दो दिनों से प्रेम के रूप में नामवर सिंह पर खर्च हो रही है। एक साहित्यकार के लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि जीवन के 90 वसंत बीत जाने के बाद कोई बच्चों सी पुलक और उत्साह के साथ उसका जन्मदिन मनाए। नामवर सिंह अपनी पीढ़ी के इकलौते बुद्धिजीवी, साहित्यकार, आलोचक और ऐसे व्यक्ति हैं जिनका सभी वर्ग में समान अधिकार है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement