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भारतीय कार्रवाई का सैन्य जवाब नहीं दे सकता पाक : अमेरिकी थिंक टैंक

भारतीय कार्रवाई का सैन्य जवाब नहीं दे सकता पाक : अमेरिकी थिंक टैंक

अमेरिका के एक शीर्ष थिंक-टैंक ने आज कहा कि भारत ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत में घुसने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों पर पाक के कब्जे वाले कश्मीर में जो लक्षित हमला किया है, उसे सावधानीपूर्वक आकलन करने के बाद किया गया था। उन्होंने कहा कि तनाव बढ़ने के लिए पूरी तरह पाकिस्तान जिम्मेदार है।
हिलेरी का वादा, राष्ट्रपति बनीं तो कैबिनेट में होंगी आधी महिलाएं

हिलेरी का वादा, राष्ट्रपति बनीं तो कैबिनेट में होंगी आधी महिलाएं

अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी की अग्रणी दावेदार हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि अगर वह व्हाइट हाउस के लिए चुनी जाती हैं तो उनकी कैबिनेट की आधी संख्या महिलाओं के लिए होगी।
आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।
बिहार चुनाव में कैसे पलटा भाजपा का अंकगणित

बिहार चुनाव में कैसे पलटा भाजपा का अंकगणित

बिहार चुनाव में क्यों इतनी क्रूरता से पलटा भाजपा का भाग्य। भाजपा के प्रवक्ता और समर्थक महागठबंधन के अंकगणित और विपक्षी एकता को ही बढ़-चढ़कर अपनी हार की मुख्य वजह बताने मे लगे हैं। इस बहस में यह तथ्य बिल्कुल ही नजरअंदाज कर दिया गया कि हाल के चुनाव में भाजपा के परंपरागत मतदाताओं के अच्छे खासे प्रतिशत ने पार्टी का साथ छोड़ दिया।
चेहरे नहीं अभिव्यक्ति पर कालिख

चेहरे नहीं अभिव्यक्ति पर कालिख

देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और बाबरी मस्जिद के खिलाफ उग्र राष्ट्रव्यापी मंदिर आंदोलन चलाने वाले लालकृष्ण आडवाणी का मानना है कि देश में असहिष्णुता का माहौल बढ़ रहा है। यह लोकतंत्र की भावना के विपरीत है। इस टिप्पणी का संदर्भ भी कम दिलचस्प नहीं है।
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