अंतोइन ग्रिएजमैन के दो गोल की मदद से फ्रांस ने विश्व चैम्पियन जर्मनी को हराकर यूरो कप फुटबाल के फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उसका सामना पुर्तगाल से होगा।
बांग्लादेश के उत्तर में गुरुवार को ईद की नमाज के सबसे बड़े कार्यक्रम के नजदीक हुए बम विस्फोट में कम से कम चार लोगों के मारे जाने की खबर है। इनमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। बारह अन्य घायल हो गए।
आतंकवाद आज किसी एक देश, प्रांत की समस्या नही बल्कि समूची दुनिया के लिये चुनौती बन गया है। ये आंतकी भले ही अलग-अलग देशों से ताल्लुकात रखते हों पर इनके नापाक इरादे एक से हैं। चिंतित होने वाली बात है कि इस बढ़ती कट्टरता की ओर पढ़ा-लिखा मुस्लिम युवा भारी मात्रा मेंं जुड़ रहा है। लेकिन मुस्लिम समुदाय के ही मौलवी और बड़े बुजुर्ग समझदार इसके विरोध में अभी तक खुलकर सामने नहीं आए हैं।
कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा का आयोजन ओडि़शा के पवित्र शहर पुरी में बुधवार को पूरे उल्लास और धार्मिक रस्मो रिवाज के साथ किया गया। देश और विदेश के लाखों श्रद्धालु इस शहर में नौ दिनों तक चलने वाली भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथयात्रा देखने के लिए उमड़ पड़े।
ढाका हमले में जिन सात आतंकियों ने 20 लोगों की हत्या की वह सभी स्थानीय बांग्लादेशी थे और उनमें से पांच पेशेवर अपराधी भी थे। जिनकी पुलिस को तलाश थी। यह जानकारी पुलिस ने दी है। इसी बीच बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्ज़मान खान का बयान आया है कि इस हमले के पीछे बांग्लादेश के आतंकी संगठन है और इस्लामिक स्टेट का इससे कोई लेना देना नहीं है।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की संभावित उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने बांग्लादेश में एक रेस्त्रां में आईएसआईएस के हमले के बाद जोर देकर कहा है कि आतंकवादी समूहों को परास्त करने के लिए अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ा है। इस हमले में 20 व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
इराक की राजधानी बगदाद में दो अलग-अलग बम हमलों में कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई और 176 लोग घायल हो गए। इराकी अधिकारियों ने इन हमलों की जानकारी देते हुए बताया कि आतंकी संगठन आईएसआईएस ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है।
देश बड़ा है या क्लब ? जो लोग लियोनेल मेसी के खेल में कोई कमी नहीं ढूंढ़ पाते, वे अंत में यही सवाल उछाल देते हैं। जैसा कि इन दिनों हो रहा है। आलोचक आंकड़ों के जरिये यह कुतर्क दे रहे हैं कि लियोनेल मेसी का दिल देश के लिए नहीं, क्लब के लिए धडक़ता है। क्लब के लिए वह जी-जान एक कर देते हैं लेकिन देश के लिए उनके मन में तरंगें तक नहीं उठतीं। और यह सब ऐसे खिलाड़ी के लिए कहा जा रहा है जो कई वर्षों से अर्जेंटीना की टीम की ताकत बना हुआ है। जिसके बूते अर्जेंटीना की टीम विश्वकप फाइनल खेलती है, लगातार दो बार कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंची है। कोई यह सवाल नहीं उठाता कि अर्जेंटीना तो फाइनल में पहुंचने लायक ही नहीं थी लेकिन इसके बावजूद मेसी उसे यहां तक ले आए। हां, फाइनल न जीत पाने का ठीकरा आलोचक जरूर उनके सिर पर फोड़ते रहे हैं। देश उनके लिए क्या है? यह उनका संन्यास का फैसला ही बता देता है।
दुनिया में भले ही हर तरफ विकास की बात कही जा रही है लेकिन नवजात बच्चों की दुर्दशा पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। या यूं कहें कि विश्व का मानव समाज इस मसले पर मौन होकर अपनी हार स्वीकार करता जा रहा है। मानव समुदाय एक तरह से नवजात श्िाशुओं की हिफाजत नहीं कर पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की ताजा रिपेार्ट में कहा गया है कि दुनिया में विभिन्न तरह के संक्रमण की वजह से पैदा होने के साथ ही दस लाख बच्चों ने दम तोड़ दिया।