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जेपी के परिजनों ने अमित शाह का न्यौता ठुकराया

जेपी के परिजनों ने अमित शाह का न्यौता ठुकराया

बिहार विधानसभा चुनाव में गोमांस का मुद्दा उछालकर और जातीय आधार पर माहौल को अपने पक्ष में करने की हो रही कोशिशों पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण के परिजन बेहद दुखी हैं और वह कल लोकनायक की जयंती पर आयोजित होने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे।
रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

सिनेमा को चाहने वाले इस साल दिग्गज फिल्मकार सत्यजित रे की पहली फिल्म पाथेर पांचाली के साठ साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। इसी बीच रे की भारत में कम और यूरोप-अमेरिका में ज्यादा सराही गई फिल्म अरण्येर दिन रात्रि पर एक डॉक्यूमेंट्री रिवाइविंग इमेजरी सामने आई है। पिछले दिनों रांची, झारखंड में इसका प्रीमियर हुआ।
इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्‍या के लिए अक्‍सर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।
नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

यकीन करना आसान नहीं हैं। ये तीसेक साल से कुछ ज्‍यादा के नौजवान हैं, जिन्‍होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्‍छी नौकरी हासिल भी की और फिर छोड़ भी दी। खुद का कारोबार शुरू किया और कामयाब भी हो गए। आज ये तेजी से बढ़ती ई-कॉमर्स कंपनी के मालिक हैं। मैंने पूछा मल्‍टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू करते हुए असफलता का डर नहीं लगा? आर्थिक दिक्‍कतें नहीं आईं? जवाब देखिए, ज्‍यादा से ज्‍यादा क्‍या होता वापस नौकरी करनी पड़ती। इतनी पढ़ाई और काम करने के बाद इतना भराेसा तो था कि भूखे मरने वाले नहीं हैं। इसलिए ज्‍यादा फ्रिक नहीं हुई।
मोदी ने साल भर की कामयाबी दिखाने में झोंकी ताकत

मोदी ने साल भर की कामयाबी दिखाने में झोंकी ताकत

सरकार की पहली सालगिरह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की व्‍यापक रणनीति तैयार कराई है। सबसे ज्‍यादा जोर नई योजनाओं के फायदे गिनाने और किसान विरोधी छवि से बाहर निकलने पर रहेगा। मथुरा में रैली कर खुद मोदी अपनी उपलब्धियों की झांकी पेश करेंगे। इस मौके पर किसी बड़ी योजना का ऐलान भी हो सकता है।
अचानक सबको भाने लगे महाराणा प्रताप

अचानक सबको भाने लगे महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप अचानक देश की राजनीति में महत्वपूर्ण हो गए हैं। तभी तो उनकी जयंती को पूरे देश में राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मांग को लेकर देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है और बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तेलंगाना में यह अभियान जोरों पर है।
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