मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान गोलीबारी से 6 किसानों की मौत के बाद हालात और पूर्ण हो गया है। इस बीच राज्य के गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने माना है कि 5 किसानों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई थी।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में 6 किसानों की मौत के बाद राजनीति गर्म हो गई है। पुलिस फायरिंग में हुई किसानों की मौत को के विरोध में बुधवार को मध्य प्रदेश बंद रखा गया है। कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार को घेरते हुए राज्य भर में बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज पीड़ित परिवारों से मिलने मंदसौर जाने वाले थे। लेकिन प्रशासन ने इजाजत देने से इनकार कर दिया।
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के लोगों में भारी गुस्सा देखा जा रहा है। किसानों पर पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत के बाद वे और उग्र हो गए हैं। अब प्रदर्शनकारियों के द्वारा कलेक्टर के साथ धक्कामुक्की करने की खबर सामने आई है।
आज दलित समुदाय हर दृष्टि से चौराहे पर खड़ा है। कई दशक बाद दलित राजनीति लगभग हाशिए पर पंहुच गई है। दलित जन प्रतिनिधियों से दलित समुदाय एकदम निराश है। वे समुदाय पर होने वाले अत्याचार के मसलों पर कुछ नहीं बोलते हैं। अब दलित समाज में उन्हें खुले मंचों से पूना पैक्ट की खरपतवार कहना शुरू कर दिया है।
कर्नाटक में एक और ऑनर किलिंग का बहुत ही दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां एक मुस्लिम लड़की को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि उसने एक दलित से शादी की थी। पीड़िता गर्भवती थी। शादी से नाराज परिजनों ने पहले पीड़िता मारा और फिर जिंदा जला दिया।
मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों की हड़ताल ने छठवें दिन हिंसक रूप ले लिया है। किसानों पर पुलिस की फायरिंग ने कई किसानों को मौत के घाट उतार दिया है। किसान संगठन का आरोप है कि मंदसौर में फिलहाल इमरजेंसी जैसे हालात हैं।
हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशीनगर जिले के मुसहर बस्ती का दौरा करने से पहले साबुन-शैंपू बांटे जाने पर काफी विवाद उठा था। इस विवाद को लेकर गुजरात के दलित संगठन ने सीएम योगी को एक खास तोहफा देने की पेशकश की है।
उत्तर प्रदेश में एक दलित आदमी पर कथित तौर पर हमला करने और उसके खिलाफ जातिवाद की टिप्पणी करने पर पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का है।
हिंसा की आग में पिछले कई दिनों से सुलग रहे सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में शुक्रवार को पहली बार खुशी का महौल देखने को मिला। इस खुशी का कारण कुछ और नहीं बल्कि एक दलित परिवार में दो बहनों की शादी को लेकर था। शादी की वजह से गांव में कई दिनों के बाद खुशी का माहौल दिखा।