अमेरिका के साथ क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच चीनी नौसेना ने विवादित दक्षिण चीन सागर में 10 दिन का सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इस अभ्यास के महत्व को कम तवज्जो देते हुए चीनी सेना ने कहा है कि यह कल हेनान प्रांत में शुरू हुआ था और किसी पड़ोसी देश के खिलाफ निर्देशित नहीं है।
काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
दक्षिण चीन सागर पर अपने सभी़ पड़ोसियों, वियतनाम, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के दावों को खारिज करने, समुद्र के इस हिस्से को अपनी मिल्कियत बताने और इन देशों को यहां से दूर रहने की चेतावनी जारी करने वाले चीन ने कहा है कि हिंद महासागर भारत का आंगन नहीं है। इसे भारत का बैकयार्ड समझने की धारणा परेशानी का सबब बन सकती है।
अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र की वजह से महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भारी बारिश होने की उम्मीद है। लेकिन इससे मानसून के आगे बढ़ने की गति प्रभावित हो सकती है।
25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।
दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री निशा बिस्वाल भूकंप से हुई तबाही और अमेरिकी राहत एवं बचाव अभियानों का जायजा लेने के लिए इस सप्ताह नेपाल का दौरा कर रही हैं।