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भारत ने पाकिस्तान को दी पटकनी, जीता एशिया कप

भारत ने पाकिस्तान को दी पटकनी, जीता एशिया कप

भारतीय महिला क्रिकेटरों ने आज बैंकाक में एशिया कप में अपना दबदबा जारी रखते हुए चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पराजित कर छठे चरण में छठा खिताब अपनी झोली में डाला।
आजाद हिंद फौज के आखिरी सिपाही डैनियल काले का निधन

आजाद हिंद फौज के आखिरी सिपाही डैनियल काले का निधन

आजाद हिंद फौज के वयोवृद्ध सिपाही डैनियल काले का लंबी बीमारी के बाद कोल्हापुर में निधन हो गया। उनके बारे में कहा जाता है कि वे आजादी के संघर्ष के लिए गठित आजाद हिंद फौज के आखिरी जीवित सदस्य थे।
सरकारी खर्चे पर प्रचार करने की दोषी पाई गई `आप’

सरकारी खर्चे पर प्रचार करने की दोषी पाई गई `आप’

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के उल्लंघन का दोषी पाया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी जांच में पाया है कि सरकारी खर्चे पर राज्य के बाहर आम आदमी पार्टी का प्रचार किया गया।
पतंजलि के विज्ञापन निराधार और भ्रामक: विज्ञापन मानक परिषद

पतंजलि के विज्ञापन निराधार और भ्रामक: विज्ञापन मानक परिषद

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने योगगुरू बाबा रामदेव प्रायोजित पतंजलि आयुर्वेद की खिंचाई करते हुए कहा है कि उसके विज्ञापन भ्रामक और प्रतिस्पर्धी फर्मों के उत्पादों पर आक्षेप करने वाले हैं।
मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
पिता से पहले गुरु थे कुमार गंधर्व

पिता से पहले गुरु थे कुमार गंधर्व

रिमझिम बारिश और पूना के बेतरतीब ट्रैफिक से गुजर जब मैं वार्जे के अतुल नगर इलाके में पहुंची तो हल्की ठंडक ने थोड़ी सी सिहरन भर दी थी। जब मैं कमरे में पहुंची तो कपूर की भीनी सी खुशबू नथुनों से टकराई और लगा जैसे एक-डेढ़ घंटे की थकान धीरे-धीरे कपूर के साथ उड़ रही है। उस छोटे से कमरे में कला के विविधरूप थे। छोटी मूर्तियां, कुछ रंग और बहुत सारा संगीत। इन सबके बीच सफेद धोती, कमीज और कंधे पर गमछा डाले जो शख्स विनम्रता से आते हैं उनका नाम है, मुकुल शिवपुत्र।