शिवसेना ने मांग की है कि विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को सऊदी अरब से भारत लौटते ही गिरफ्तार किया जाए और उनके पीस टीवी नेटवर्क को फौरन पूरी तरह से बंद किया जाए।
देश के प्रमुख कारोबारी अरबपति गौतम अडानी ने कांग्रेस को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कभी भी मुफ्त में विमान की सेवा नहीं दी। अडानी ने कहा कि क्या कांग्रेस कमर्शियल बेसिस पर जीएमआर के विमान का इस्तेमाल नहीं करती है?
भारत का पहला एकीकृत रक्षा संचार नेटवर्क गुरुवार को दिल्ली में शुरू किया गया। इसकी मदद से थलसेना, वायु सेना, नौसेना और विशेष बल कमान शीघ्र निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए परिस्थिति के अनुसार जानकारी साझा करेंगे।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक और परमाणु उर्जा आयोग (एईसी) के सदस्य एम आर श्रीनिवासन ने शनिवार को कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के मुद्दे पर केंद्र का जोर देना अनावश्यक, अवांछित और गलत सलाह पर उठाया गया कदम था। शुक्रवार को भारत की 48 सदस्यीय समूह की सदस्यता हासिल करने की कई दिनों से जारी कोशिश नाकाम हो गई थी।
एस्सार फोन टैपिंग कांड में केंद्र सरकार जांच का आदेश दे सकती है। बताया जा रहा है कि एस्सार समूह के कथित शह पर की गई अवैध टैपिंग में सरकार बंद हो चुकी हचिसन टेलीकॉम और मुंबई पुलिस की भूमिका की जांच एक केंद्रीय एजेंसी से करवा सकती है।
सियोल में सोमवार से से शुरू हुई 48 परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) देशों की बैठक के दौरान संगठन का सदस्य बनने की भारत की आशाओं को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब चीन ने कहा कि यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के भोपाल में स्वतंत्र अभियान परीक्षण में कॉल ड्रॉप के मानदंड पर सिर्फ एयरटेल और वोडाफोन का 2जी नेटवर्क ही खरा उतर पाया। ट्राई की एक ताजा रपट के अनुसार 2जी में एयरटेल और वोडाफोन के अलावा अन्य कोई भी आपरेटर कॉल ड्रॉप दर मानदंड को पूरा करने में विफल रहा।
विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत जेपी समूह की कंपनियों पर वित्तीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। समूह ने करीब 4,460 करोड़ रुपये के रिण और अन्य भुगतान में चूक या डिफॉल्ट किया है। एकीकृत आधार पर समूह बैंकों को 2,905.6 करोड़ रुपये की मूल राशि तथा अन्य 1558.93 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा है।
मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।