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Search Result : " Hindi book review"

भविष्य में डीआरएस शामिल किये जाने की उम्मीद करते हैं : कोहली

भविष्य में डीआरएस शामिल किये जाने की उम्मीद करते हैं : कोहली

भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने आज कहा कि टीम ने विवादास्पद फैसला समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पर चर्चा की थी और भविष्य में इस तकनीक के शुरू किये जाने की उम्मीद करते हैं।
पाकिस्तान को दिये तरजीही राष्ट्र दर्जे की समीक्षा करेंगे मोदी

पाकिस्तान को दिये तरजीही राष्ट्र दर्जे की समीक्षा करेंगे मोदी

सिंधु नदी जल संधि के बाद अब भारत पाकिस्तान को दिये गये व्यापार के लिहाज से तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) के दर्जे की समीक्षा करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरवार को यह समीक्षा बैठक बुलाई है। पाकिस्तान के एमएफएन दर्जे की समीक्षा करने का निर्णय जम्मू-कश्मीर में उड़ी सैन्य ठिकाने पर हुये आतंकवादी हमले के बाद उठाये जा रहे कदमों के संदर्भ में लिया गया है।
अंसारी की कि‍ताब नागरिकों को जिम्‍मेदारियों से अवगत कराएगी : मुखर्जी

अंसारी की कि‍ताब नागरिकों को जिम्‍मेदारियों से अवगत कराएगी : मुखर्जी

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को राष्‍ट्रपति भवन में उप राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद हामिद अंसारी की पुस्‍तक सिटीजन एंड सोसायटी का विमोचन किया। किताब में अंसारी ने देश में विभिन्‍न थीमों पर दिए गए अपने लेक्‍चरों को शामिल किया है। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वह कई किताबों को भेंट स्‍वरुप पाते हैं। लेकिन यह पुस्‍तक उनके लिए विशेष तौर पर खास है क्‍योंकि इसको महान भारत के उप राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद अंसारी ने लिखी है, जो एक प्रबुद़ध विद़वान और सचेत नागरिक के रुप में समूचे देश में शुमार हैं।
हिन्दी आम आदमी की भाषा, उच्च शिक्षा में बढ़ावा दें: सुभाष चंद्रा

हिन्दी आम आदमी की भाषा, उच्च शिक्षा में बढ़ावा दें: सुभाष चंद्रा

राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा का कहना है कि कोई भी भाषा हिन्दी का स्थान नहीं ले सकती क्योंकि यह आम आदमी की भाषा है। ऐसे में हिन्दी को उच्च शिक्षा में शिक्षा का माध्यम (एमओआई) बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। चंद्रा ने यह बातें साहित्य अकादमी द्वारा हिन्दी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहीं।
डिजिटिल इंडिया में हिन्दी समाज

डिजिटिल इंडिया में हिन्दी समाज

हिन्दी उत्सव- हिन्दी दिवस- पखवाड़ा। राष्ट्रभाषा की गौरव गाथा और जयकार। संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी की मान्यता के लिए प्रधानमंत्रियों द्वारा सौ-सौ करोड़ तक खर्च की घोषणाएं। दुनिया के 130 विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा की पढ़ाई की व्यवस्था। बॉलीवुड से दक्षिण भारत ही नहीं यूरोप, अमेरिका, एशिया ही नहीं अफ्रीका में भी हिन्दी फिल्मों और गानों की गूंज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी को सही गौरवपूर्ण स्थान दिलाने के संकल्प, संघर्ष, वायदे और एक हद तक उपलब्धियां भी। लेकिन असलियत में भारत की तरक्की के साथ हिन्दी को समुचित महत्व कहां मिल पाया है?
7 जनवरी से सजेगी किताबों की दुनिया

7 जनवरी से सजेगी किताबों की दुनिया

बहुप्रतीक्षित पुस्तक मेला इस बार 7 जनवरी 2017 से 15 जनवरी 2017 तक प्रगति मैदान में होगा। विश्व पुस्तक मेले का लोग पूरे साल इंतजार करते हैं। किताबों के सालाना जश्न के लिए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
ईरानी के फैसले को पलटा, आउटसोर्स नहीं होगा बुक फेयर का आयोजन

ईरानी के फैसले को पलटा, आउटसोर्स नहीं होगा बुक फेयर का आयोजन

देश के नए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्मृति ईरानी के फैसले को पलटते हुए नई दिल्ली इंटरनैशनल बुक फेयर के आयोजन को आउटसोर्स करने से इनकार कर दिया है। तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी ने इसे आउटसोर्स करने का फैसला किया था। तब मंत्रालय ने नैशनल बुक ट्रस्ट से एक प्राइवेट एजेंसी को प्रेजेंटेशन देने को भी कहा था।
दिल्ली पुस्तक मेले में किताबें नहीं स्टेशनरी लुभा रही

दिल्ली पुस्तक मेले में किताबें नहीं स्टेशनरी लुभा रही

दिल्ली पुस्तक मेले में इस बार किताबों के साथ तरह-तरह की स्टेशनरी भी लोगों को आकर्षित कर रही है। पुस्तक प्रेमी अपनी मनपंसद किताबें खरीदने के साथ-साथ नए तरह की स्टेशनरी को भी खोज कर ले जा रहे हैं।
दिल्ली पुस्तक मेले के 22वें संस्करण की हुई शुरआत

दिल्ली पुस्तक मेले के 22वें संस्करण की हुई शुरआत

युवा पीढ़ी में पढ़ने की आदत विकसित करने के लक्ष्य के साथ शनिवार को 22वें दिल्ली पुस्तक मेले का शुभारंभ हुआ। दिल्ली के प्रगति मैदान में केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली पुस्तक मेला के 22वें संस्करण का उद्घाटन किया।
पोस्टमार्टम कानून : ब्रिटेेन में बहुत पहले खारिज, अब हम करने जा रहे समीक्षा

पोस्टमार्टम कानून : ब्रिटेेन में बहुत पहले खारिज, अब हम करने जा रहे समीक्षा

ब्रिटिशकाल के 117 साल पुराने पोस्टमार्टम प्रक्रिया संबंधी कानून की विस्तृत समीक्षा की जा सकती है। केंद्र सरकार ने महाराष्‍ट्र के प्रमुख चिकित्सा-कानूनी विशेषज्ञों की ओर से इस संबंध में तैयार की गई व्यापक रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है।1898 से डाॅक्टर ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के उन नियमों और प्रक्रियाओं का अनुसरण कर रहे हैं, जिन्हें ब्रिटेन ने खुद खारिज कर दिया है।
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