मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 16 अक्टूबर को युवा कथाकार पंकज सुबीर के बहुचर्चित उपन्यास अकाल में उत्सव पर केंद्रित एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया है।
पब्लिसिटी स्टंट तो सभी को अच्छा लगता है। लेकिन इस स्टंट को लेकर तो करण जौहर भी घबरा गए हैं। उनकी फिल्म ऐ दिल है मुश्किल में पाकिस्तान के फवाद खान हैं। मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने उड़ी में आतंकवादी हमले के बाद कह दिया है कि पाकिस्तान के कलाकार भारत छोड़ दे। 48 घंटे में भारत छोड़ने की उनकी मियाद अब खत्म होने को है।
अपने नए नाटक के साथ मंच पर वापसी कर रहे अभिनेता निर्देशक सतीश कौशिक का मानना है कि रंगमंच पर बॉलीवुड कलाकारों की मौजूदगी थियेटर में दर्शकों की तादाद बढ़ाने में मददगार होती है।
राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा का कहना है कि कोई भी भाषा हिन्दी का स्थान नहीं ले सकती क्योंकि यह आम आदमी की भाषा है। ऐसे में हिन्दी को उच्च शिक्षा में शिक्षा का माध्यम (एमओआई) बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। चंद्रा ने यह बातें साहित्य अकादमी द्वारा हिन्दी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहीं।
हिन्दी उत्सव- हिन्दी दिवस- पखवाड़ा। राष्ट्रभाषा की गौरव गाथा और जयकार। संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी की मान्यता के लिए प्रधानमंत्रियों द्वारा सौ-सौ करोड़ तक खर्च की घोषणाएं। दुनिया के 130 विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा की पढ़ाई की व्यवस्था। बॉलीवुड से दक्षिण भारत ही नहीं यूरोप, अमेरिका, एशिया ही नहीं अफ्रीका में भी हिन्दी फिल्मों और गानों की गूंज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी को सही गौरवपूर्ण स्थान दिलाने के संकल्प, संघर्ष, वायदे और एक हद तक उपलब्धियां भी। लेकिन असलियत में भारत की तरक्की के साथ हिन्दी को समुचित महत्व कहां मिल पाया है?
बॉलीवुड की कई फिल्मों को लेकर सेंसर बोर्ड से विवाद होने के बीच फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा है कि निर्माता ऐसे दौर में पहुंच गए हैं जहां वे किसी समस्या से बचने के लिए विषयवस्तु की प्री सेंसरशिप कर रहे हैं।
बाॅलीवुड अभिनेता आमिर खान ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि महाराष्ट्र में पांच साल के भीतर पानी की कमी की समस्या सुलझाना उनका सपना है। उन्होंने कहा कि वह पूरी कोशिश करेंगे महाराष्ट्र में पानी की किल्लत की समस्या दूर हो।
अमेरिकी हवाईअड्डे पर बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरूख खान को रोके जाने के मुद्दे पर शिवसेना ने कहा है कि अमेरिका में एक और अपमान होने के बाद शाहरूख को स्वाभिमानी रुख दिखाते हुए भारत लौट आना चाहिए था। उनका यह कदम अमेरिका के मुंह पर एक तमाचा होता। शिवसेना ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा हर बार होने के बावजूद यह सहिष्णु अभिनेता बार-बार अमेरिका जाते हैं।