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Search Result : " Bollywood Hindi cinema"

फिल्मों में होता रहेगा गालियों का प्रयोग

फिल्मों में होता रहेगा गालियों का प्रयोग

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) अपनी वह विवादास्पद सूची वापस लेने का फैसला किया है जिनमें कथित आपत्तिजन शब्द शामिल किए गए थे और इन शब्दों का इस्तेमाल फिल्मों में करने की मनाही की गई थी।
अदालत ने की सलमान की याचिका मंजूर

अदालत ने की सलमान की याचिका मंजूर

राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अभिनेता सलमान खान की एक याचिका को मंजूर कर बॉलीवुड के दबंग को थोड़ी राहत दी है। इस याचिका में खान ने गवाहों के पुनर्परीक्षण किए जाने की इजाजत मांगी थी।
उर्दू कवि बशर नवाज का निधन

उर्दू कवि बशर नवाज का निधन

जाने-माने उर्दू कवि, आलोचक एवं वक्ता बशर नवाज का आज औरंगाबाद में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे। हिंदी फिल्म बाजार का बेहद लोकप्रिय गीत ‘करोगे याद’ उन्होंने ही लिखा था।
अभिषेक की बेकारी के 15 साल

अभिषेक की बेकारी के 15 साल

बॉलीवुड में अभिेषेक बच्चन ने पंद्रह साल पूरे कर लिए हैं। इसके लिए उन्होंने अपने प्रशंसकों (यदि हैं तो) को धन्यवाद दिया है। हालांकि अभिषेक ने यह 15 साल ऐसे ही नहीं गंवाएं हैं, उनके खाते में युवा और गुरु जैसी फिल्में हैं।
धर्म और धुंध

धर्म और धुंध

संजीव श्रीवास्तव पेशे से टीवी पत्रकार हैं। उनकी एक पुस्तक - समय, सिनेमा और इतिहास भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित है। संजीव की कविताओं में धर्म, राजनीति और इस सबके बीच पिसती मनुष्यता का ऐसा विवरण है जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकता है।
दुबई में ड्राइविंग परीक्षा अब हिंदी में

दुबई में ड्राइविंग परीक्षा अब हिंदी में

सितंबर से ऐसे व्यक्ति जो उर्दू, अरबी या अंग्रेजी न जानता हो वह भी दुबई में ड्राइविंग की परीक्षा दे सकते हैं। संयुक्त अरब अमीरात में आने वाले सितंबर से यह परीक्षा हिंदी में भी होगी। हिंदी के अलावा अब ड्राइविंग लाइसेंस पाने की इच्छुक अभ्यर्थी मलयालम, तमिल, बांग्ला, चीनी, रूसी और फारसी भाषा का भी चयन कर सकते हैं।
अभी तो क्षमताएं दिखाना बाकी हैं : माधवन

अभी तो क्षमताएं दिखाना बाकी हैं : माधवन

तनु वेड्स मनु रिटर्न्स की सफलता का आनंद ले रहे अभिनेता आर. माधवन ने बांग्ला फिल्म उद्योग कॉलीवुड और बॉलीवुड में अपने लिए जगह तो बना ली लेकिन उनका मानना है कि उन्होंने अभी भी हिंदी फिल्म निर्माताओं को अपनी वास्तविक क्षमता नहीं दिखाई है।
कागज-कलम की आदत नहीं बदल सकता: गुलज़़ार

कागज-कलम की आदत नहीं बदल सकता: गुलज़़ार

बीते पचास से भी ज्यादा वर्ष से शायरी और फिल्मी गीत लिख रहे गुलज़ार वैसे तो आधुनिक पीढ़ी के साथ लगातार तालमेल बिठाते रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि वह कलम से कागज पर लिखने की अपनी पुरानी आदत नहीं बदल सकते।