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Search Result : " हिंदी कवि"

फिलाडेल्फियां पार्क की दीवार पर एक भारतीय कवि

फिलाडेल्फियां पार्क की दीवार पर एक भारतीय कवि

बनारस शहर का अपना मिजाज है। भोले की भांग है तो गंगा की निर्मलता भी। इस शहर के मिजाज में ही है, संस्कृति। इस शहर के लिए व्योमेश शुक्ल बहुत जाना पहचाना नाम है। रंगकर्मी, कवि, लेखक व्योमेश की टोपी में एक और पंख लगने जा रहा है। उनकी कविताएं अमेरिका के फिलाडेल्फिया के एक पार्क में बन रही दीवार पर अंकित होंगी।
मशहूर लेखक-कवि नारायण रेड्डी का निधन

मशहूर लेखक-कवि नारायण रेड्डी का निधन

मशहूर कवि और लेखक सी नारायण रेड्डी का आज निधन हो गया। वे 86 साल के थे। तेलगु लिटरेचर की दुनिया में नारायण रेड्डी का नाम एक स्तंभ की तरह है। नारायण रेड्डी ने सिर्फ एक कवि और लेखक ते बल्कि वे फिल्म जगत के लिए गाने भी लिकते थे। उनके लिखे गानों ने साउथ की फिल्मों में काफी धूम मचाया।
फिल्म ‘मीडियम’ पर छा गई ‘हिंदी’

फिल्म ‘मीडियम’ पर छा गई ‘हिंदी’

अगर किसी फिल्म में इरफान हों तो कहानी का टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती। फिल्म में कुछ नहीं भी होगा तो इरफान इतने सटीक ढंग से होंगे कि उन्हीं के सहारे ढाई-तीन घंटे का वक्त कट जाएगा। तो इस फिल्म में भी बिलकुल परफेक्ट टाइमिंग के साथ राज यानी कि इरफान मौजूद हैं।
क्या वाकई राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सिर्फ हिंदी में देंगे भाषण? जानिए पूरा सच

क्या वाकई राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सिर्फ हिंदी में देंगे भाषण? जानिए पूरा सच

राजभाषा पर बनी संसदीय समिति की 9वीं रिपोर्ट की ज्यादातर सिफारिशें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मान ली हैं। लेकिन इन सिफारिशों को जिस तरह प्रचारित किया जा रहा है, उससे हिंदी का भला कम, नुकसान ज्यादा हो सकता है। भाषाई वर्चस्व के जिन आरोपों से उबरने में हिंदी को कई दशक लगे, ऐसे खबरेें उन्हें फिर से जिंदा कर सकती हैं।
‘बेगम जान’ के सामने बंगाली जादू को हिंदी में उतारने की चुनौती

‘बेगम जान’ के सामने बंगाली जादू को हिंदी में उतारने की चुनौती

भारतीय हिन्दी फिल्म निर्माता और निर्देशक महेश और मुकेश भट्ट ने इस बार श्रीजीत मुखर्जी को उन्हीं की फिल्म 'राजकहिनी' हिंदी में बनाने की जिम्मेदारी दी थी, जो उन्होंने ‘बेगम जान’ बनाकर पूरी कर ली है। बांग्ला भाषा में बनी फिल्म ‘राजकाहिनी’ वर्ष 2015 में रिलीज हुई थी। हिंदी सिनेमा ने इससे पहले भी कई भारतीय भाषाओं की हिट फिल्मों का रिमेक किया है।
यतीन्द्र मिश्र को मिलेगा ‘स्वर्ण कमल’ सम्मान

यतीन्द्र मिश्र को मिलेगा ‘स्वर्ण कमल’ सम्मान

भारत सरकार के फिल्म समारोह निदेशालय ने यतीन्द्र मिश्र को ‘स्वर्ण कमल’ सम्मान से नवाजने का निर्णय लिया है। हिंदी कवि, संपादक और संगीत अध्येता मिश्र को यह सम्‍मान देने की घोषणा बीते सात अप्रैल को की गई।
‘प्रबंधकाव्य न भी मानें, तो एक काव्यप्रबंध है इंद्रप्रस्‍थ में’

‘प्रबंधकाव्य न भी मानें, तो एक काव्यप्रबंध है इंद्रप्रस्‍थ में’

‘महाभारत के बहाने आज की नारी की संघर्षगाधा को शब्द देती है, वरिष्ठ कवि उपेन्द्र कुमार की काव्य-कृति इंद्रप्रस्‍थ ।’ कल शाम पुस्तक मेला के सेमिनार मंच पर कृति-चर्चा में शामिल विद्वान वक्ताओं ने कहा।
हिन्दुस्तानी से हिंग्लिश की ओर बढ़ते हुये बीता हिन्दी का 21वीं सदी का 16वां साल

हिन्दुस्तानी से हिंग्लिश की ओर बढ़ते हुये बीता हिन्दी का 21वीं सदी का 16वां साल

21वीं सदी के 16वें साल में हिन्दी अपने मिजाज के मुताबिक व्याकरण की जकड़बंदी से निकलकर उर्दू मिश्रित हिन्दुस्तानी से होते हुये अंग्रेजीनुमा हिंग्लिश की ओर बढ़ती रही। बोलचाल अथवा संप्रेषण के स्वनियम पर आधारित हिन्दी में इस साल जहां एक ओर अन्य भाषाओं और ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न इलाकों से आने वाले शब्दों को जगह मिली, वहीं दूसरी ओर फेसबुक-ट्विटर और कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल से हैश-टैग और एट दि रेट आॅफ जैसे निशान भी हिन्दी में शामिल होते गये।
मैं न हिंदू समर्थक हूं न इंसान विरोधी- भगवान सिंह

मैं न हिंदू समर्थक हूं न इंसान विरोधी- भगवान सिंह

संस्‍थापक पं. जगतराम आर्य की जयंती/स्‍थापना-दिवस पर हुई किताबघर प्रकाशन की संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपना देश और मीडिया विषय पर जोरदार बहस की। ‘सवाल’ को ले कर ‘हल्का बवाल’ भी हुआ। पांडुलिपि पर दिया जाने वाला आर्य स्मृति सम्मान इस बार नहीं दिया जा सका।
बांग्ला कवि शंख घोष को ज्ञानपीठ पुरस्कार

बांग्ला कवि शंख घोष को ज्ञानपीठ पुरस्कार

आधुनिक बांग्ला साहित्य के लब्ध प्रतिष्ठित कवि शंख घोष को वर्ष 2016 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा। दो दशकों के बाद किसी बांग्ला लेखक को देश का सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार प्रदान किया गया है।
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