सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी आंदोलन के एक जाने-माने चेहरा हैं। हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, बांग्ला भाषा में मजबूत पकड़ रखने के साथ एक-दो और भाषाओं के ज्ञाता है 62 वर्षीय येचुरी। मिलनसार स्वभाव वाले इस मृदुभाषी वाम नेता के कंधों पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की गहरे संकट में फंसी नाव को निकालने की जिम्मेदारी है।
2024 के ओलंपिक खेल भारत में होने की अटकलों को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने सिरे से नकार दिया है। बल्कि इस तरह की खबरों पर उन्होंने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा सोचना भी भारत के लिए अभी जल्दबाजी है।
सरकार ने मोटर स्पोर्ट्स को एक खेल के रूप में मान्यता देते हुए इससे जुड़े संगठन फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब्स् ऑफ इंडिया (एफएमएससीआई) को मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघों की सूची में शामिल कर लिया है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब देश में फाॅर्मूला वन रेस को वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं। टैक्स और सरकारी बाधाओं की चलते ग्रैड प्री का आयोजन स्थगित होने के बाद सरकार पर मोटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने का दबाव बढ़ रहा था। जिसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
पिछले साल नवंबर में फिलिप ह्यूज की मौत के बाद क्रिकेट मैदान पर एक और क्रिकेटर मैदान पर लगी चोट का शिकार हो गया। इस दुखद हादसे में बंगाल के एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज अंकित केशरी ने 17 अप्रैल को बंगाल क्रिकेट संघ के सीनियर एक दिवसीय नाक आउट मैच में लगी चोट के कारण आज दम तोड़ दिया।
1 जनवरी 1958 को उत्तरांचल के अल्मोड़ा जिले में जन्में हरिसुमन बिष्ट हिंदी साहित्य के जानेमाने कहानीकार हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से हिंदी में स्नातकोत्तर और आगरा विश्वविद्यालय, आगरा से पी.एच.डी की उपाधि।
उनकी प्रमुख प्रकाशित रचनाओं में उपन्यास : ममता, आसमान झुक रहा है, होना पहाड़। कहानी संग्रह : सफ़ेद दाग, आग और अन्य कहानियां, मछरंगा, बिजूका। यात्रा विवरण : अंतर्यात्रा हैं।
सन 1983 में उनके द्वारा संपादित पुस्तक ‘अपनी जबान में कुछ कहो' को साहित्यिक श्रेणी में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय निशानेबाज अपूर्वी चंदेला ने शनिवार को कोरिया के चांगवोन में चल रहे आईएसएसएफ विश्व कप की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अगले साल होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया।
राष्ट्रीय स्वसंसेवक संघ ने कहा कि आजादी के पहले के एक हजार साल के विदेशी शासन के कारण बने बैकलाॅग को अब पूरा करना है और हिन्दू समाज अब अपनी स्वाभाविक शक्ति, मेधा और स्वाभिमान से खड़ा है। संघ की ओर से यह भी कहा गया कि संघ हिन्दू समाज के साथ सभी लोगों की चिंता करेगा।
बिहार में विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार होने लगी है। सभी सियासी दलों का जोर दलित वोट को अपने पाले में करने पर है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय जनता पार्टी को खासतौर पर निर्देश दिया है कि अगर दलित वोट उसके पाले में आ जाए तो प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ परिवार के दूसरे घटक नए सिरे से हिंदुओं के ध्रुवीकरण की तैयारी में हैं। इसके लिए इस वर्ष बिक्रमी नववर्ष और चैत्र नवरात्रों का इस्तेमाल करने की योजना बन चुकी है।