चीन वर्ष 2020 तक अपनी परमाणु क्षमता को दोगुना करना चाहता है और लक्ष्य के तहत वह समुद्र में तैरने वाले परमाणु बिजली संयंत्र के निर्माण की योजना बना रहा है।
भारत जल्द ही दक्षिणी वियतनाम में एक सेटेलाइट ट्रैकिंग और इमेजिंग केंद्र स्थापित करेगा जिससे भारतीय भू-निगरानी उपग्रह से हनोई तक की तस्वीर ली जा सकेगी और चीन तथा दक्षिणी चीन सागर तक की गतिविधियों पर निगाह रखी जा सकेगी।
भारत में वर्ष 2015 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह लगभग दोगुना हो गया। संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) ने कहा कि पिछले साल विदेशी निवेश पाने वाले देशों में अमेरिका शीर्ष पर रहा। अंकटाड की सालाना रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर एफडीआई का प्रवाह अप्रत्याशित रूप से 36 प्रतिशत बढ़ कर 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के पहले के स्तर के करीब पहुंच गया।
आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटरों ने इस साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सालाना पुरस्कारों में बाजी मारी। आस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ वर्ष के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर और टेस्ट क्रिकेटर चुने गए जबकि भारतीय क्रिकेटरों की झोली इस साल खाली रही है।
चीनी सैनिकों द्वारा लगातार घुसपैठ की घटनाओं के बीच अपने शस्त्रागार को मजबूत करने के लिए भारत ने अमेरिका से आधुनिकतम स्वरूप के मानवरहित ड्रोन विमानों की मांग की है। इनमें हथियारबंद ड्रोन और निरीक्षण करने वाले ड्रोन दोनों ही शामिल हैं। दोनों सरकारों के बीच चल रही वार्ता और नई दिल्ली की दिलचस्पी की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि भारत ऐसे लगभग 100 ड्रोन चाह रहा है। इनकी कुल कीमत लगभग दो अरब डॉलर होगी।
भारत में इस वर्ष विदेशों में कामकाज के लिए गए उसके नागरिकों ने सबसे अधिक मनीआर्डर भेजे। विदेशों से 72 अरब डॉलर यानी करीब 4.53 लाख करोड़ की राशि के मनीआर्डर प्राप्त करने के साथ भारत इस मामले में पहले नंबर पर रहा है। इसके बाद चीन का स्थान रहा जहां 64 अरब डॉलर आए।
चीन ने आज कहा कि उसने अमेरिकी राजदूत को तलब कर ताइवान को हथियार बेचे जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। ताइवान को अमेरिका द्वारा 1.83 खरब डॉलर के हथियारों की बिक्री, खासतौर से दो युद्धपातों की बिक्री किए जाने का कड़ा विरोध करते हुए चीन ने कहा कि इन नए समीकरणों को देखते हुए वह ऐसे व्यापार में लगी अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएगा।
भारत में भले ही पत्रकारों का उत्पीड़न एक बड़ी समस्या हो मगर पत्रकारों को कैद करने के मामले में कम्युनिस्ट शासन वाला चीन दुनिया में सबसे आगे है। चीन के बाद ईरान और मिस्र का नंबर है।