उत्तर प्रदेश में गोमांस खाने की अफवाह से एक व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या किए जाने की निंदा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इस प्रकार की घटनाएं देश की छवि खराब करती हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत में व्यक्तिगत आय पर कर की दरों को अधिक तर्कसंगत बनाने और अगले वित्त वर्ष से अगले चार साल के भीतर कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने का वादा किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि व्यक्तिगत बचत प्रोत्साहित करने वाली रियायतों को छोड़कर आय कर में अन्य छूटें खत्म करने की तैयारी है।
कोई भी समाज ऐसे तंत्र को अनिश्चितकाल तक बनाए नहीं रख सकता जहां कमाई करने वाले व्यक्ति कर चोरी को जीवन का एक तरीका समझें। दुर्भाग्य से विगत में हमारे यहां टैक्स की दर काफी अधिक होने के चलते कर चोरी को प्रोत्साहन मिला। देश जब अपने नागरिकों पर तर्कसंगत दर से टैक्स लगाते हैं तो वे उन्हें ईमानदारी से उनकी आय का खुलासा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
देश के जाने-माने वकील और भाजपा से निष्कासित राम जेठमलानी ने पटना में मोदी विरोधी बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। जेठमलानी ने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, उन्हें इस बात का अफसोस है कि एक वकील होते हुए भी वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली के झांसे में आ गए। वह बिहार चुनाव में भाजपा को हारते हुए देखना चाहते हैं।
पेटलावाद में हुए भीषण विस्फोट में मारे गए लोगों लगातार बढ़ती संख्या साफ बताती है कि यह विस्फोट कितना भीषण था। घटना की भीषणता और इसमें राजनीति से जुड़े लोगों के नाम सामने आने पर स्थानीय कांग्रेस नेतओं ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफआईआई को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने उन्हें मिनिमम अल्टरनेट टैक्स यानी मैट में बड़ी छूट दी है। अब एक अप्रैल 2015 से पहले एफआईआई के पूंजीगत लाभ पर मैट नहीं लगेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने न्यायमूर्ति एपी शाह समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एफआईआई पर पिछली तारीख से इस प्रकार का कर लगाने का कोई आधार नहीं है।
सरकारी बैंक भारी डूबत कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष तक उनका सकल एनपीए 2.67 लाख करोड़ रुपये था जो पूरे बैंकिंग उद्योग के एनपीए का 86 प्रतिशत बैठता है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को एक बड़ी राहत मिल गई है। सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने एफआईआई पर पिछली तारीख से विवादास्पद न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) लगाने का कोई मामला नहीं बनता है। बताया जाता है कि सरकार इस सुझाव पर सकारात्मक रख के साथ विचार कर रही है।