राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा किए गए लक्षित हमलों को एक ऐसा हमला बताया जिसका सभी लोग इंतजार कर रहे थे।
सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को ही नाटकीय घटनाक्रम के बाद अंतरिम राहत मिल गई हैै। अब उन्हें तुरंत जेल जाने की जरुरत नहीं। सरेंडर करने के लिए कोर्ट ने राय को 30 सितंबर तक की मोहलत दे दी है। इससे पहले शुक्रवार को ही कोर्ट ने उन्हें तुरंत जेल भेजे जाने का आदेश दे दिया था।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिवालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े डॉ. मनीष कुमार को ओएसडी नियुक्त किया गया है। डॉ. कुमार देना बैंक भोपाल जोन में ब्रांच मैनेजर थे। उनकी सेवा प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकार को सौंपी गई है।
मध्यप्रदेश भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का नाम शामिल नहीं होने के बाद पार्टी ने सफाई देते हुए कहा कि उनका नाम टाइपिंग में मिस्टेक हो गया। लेकिन नंदकुमार चौहान की टीम में प्रदेश के पूर्व संगठन महामंत्रियों माखन सिंह चौहान, अरविंद मेनन और भगवतशरण माथुर को भी स्थान नहीं मिला है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के हिंदुओं की आबादी के सिलसिले में दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस ने उन पर हमला करते हुए कहा है कि भागवत से इसके अलावा और क्या उम्मीद की जा सकती है।
आगरा में एक कार्यक्रम में शिक्षकों की ढेरों शिकायतों एवं मांगों से दो चार होने पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उनसे कहा कि वह भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के दूत नहीं हैं।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का मानना है कि वर्ष 1947 में आजादी मिलने के साथ भारत का जो विभाजन हुआ वह एक ऐतिहासिक भूल था। संघ का मानना है कि आने वाले समय में बहुत जल्द ही अखंड भारत बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू विरोधी बताने के महज एक दिन बाद रविवार को विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया को खुफिया एजेसियों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए हैदराबाद जाने से रोक दिया। फिलहाल इसपर कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए तोगड़िया ने कहा कि वह इस मुद्दे पर जल्द ही सार्नजनिक तौर पर बोलेंगे।
सहारा समूह ने बुधवार को निवेशकों के एक समूह की ओर से ब्रिटेन और अमेरिका स्थित अपने तीन मशहूर होटलों के लिए 1.3 अरब डालर की पेशकश खारिज कर दी है और इसे कीमत कम करने की चालाक कोशिश बताया।
अस्तित्व में आने के 90 सालों के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपनी छवि में बदलाव करने का निर्णय लिया है। इसके तहत संघ के बारे में लोगों के विचार में बदलाव करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।