असम से लौटते हुए खड़गपुर में 27 मार्च को जनसभा और फिर 17 अप्रैल को कोलकाता में एक केन्द्रीय सभा। बंगाल की 294 विधानसभा सीटों को सिर्फ दो जनसभाओं के जरिए संबोधित करेंगे भाजपा के स्टार प्रचारक नरेन्द्र मोदी। जबकि, लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल में नरेन्द्र मोदी की सात जनसभाएं कराए गई थीं। इस बार मोदी के शेड्यूल को बंगाल में भाजपा की घटती रुचि का एक और संकेतक माना जा रहा है। कुछ समय पहले नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की दर्जन भर जनसभाएं कराने की तैयारी चल रही थी।
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में अपनी एक अलग पहचान बना चुके मध्य प्रदेश के कैलाश विजयवर्गीय हरियाणा के बाद पश्चिम बंगाल में जीत की रणनीति बनाने में मशगूल है। भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पास पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी है। स्वाभाविक ही है कि उनके पास पश्चिम बंगाल से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार टिकट की आस लगाए उनके पास पहुंचने लगे हैं। पश्चिम बंगाल में उनकी रणनीति पर आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह ने उनसे विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंश-
महागठबंधन बनाकर भाजपा को पटखनी देने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले साल असम और पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार जैसा खाका खींचने में जुट गए हैं। इसके लिए नीतीश कुमार स्वयं कांग्रेस के अलावा इन राज्यों के क्षेत्रीय दल के नेताओं के संपर्क में हैं।
जम्मू कश्मीर सरकार को तब शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, जब कक्षा दसवीं के प्रश्न पत्र में छात्रों से राज्य में पीडीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने वाली पार्टी का नाम पूछा गया लेकिन चार विकल्पों में से किसी भी विकल्प में भाजपा का नाम नहीं था।
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति ने गोवध पर प्रतिबंध लगाने को राज्य सरकारों का कर्तव्य बताते हुए कहा है कि इस देश में गाय के अलावा खाने को बहुत सी चीजें हैं। कोलकाता में गोवध और गोमांस के उपभोग के बारे में ज्योति ने कहा, ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए। यदि आप हमसे सम्मान चाह रहे हैं तो आपको पहले हमारा सम्मान करना भी सीखना चाहिए।