तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के संस्थापक सदस्य रहे फरहत इब्राहिम ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इब्राहिम ने राव के परिजनों और सरकार में शामिल दो कैबिनेट मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर मुकदमा चलाए जाने की मांग की है।
सूचना के अधिकार के तहत मिला नरेंद्र मोदी की सिर्फ दो यात्राओं का आंशिक ब्यौरा। सेशल्स में 1,26,61,928 रुपये (एक करोड़, छब्बीस लाख, 61 हजार 9सौ अठाइस रुपये) और मॉरिशस में 13,792,690 (1करोड़, 37 लाख, 92 हजार, छह सौ नब्बे रुपये खर्च हुए और यह आंशिक खर्च है। आखिर क्यों नहीं दे रहा पीएमओ पूरा ब्यौरा?
चंद्रबाबू नायडू का एक ऑडियो टेप सामने आने के बाद 'नोट के बदले वोट' विवाद में नया मोड़ आ गया है। नायडू समर्थकों ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के खिलाफ अवैध फोन टैपिंग के मामले दर्ज कराने शुरू कर दिए हैं। जबकि चंद्रबाबू नायडू की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं।
तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में अपनी पार्टी के पक्ष में मतदान कराने के लिए एक मनोनीत विधायक को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश करने के मामले में गिरफ्तार तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के विधायक रेवंत रेड्डी को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
किसी भी दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया चीन यात्रा सफल कही जाएगी। इसमें भारतीय इनफ्रॉस्टक्चर क्षेत्र में 10 अरब डॉलर के चीनी निवेश 22 अरब डॉलर के व्यापार समझौतों सहित कई समझौते किए गए।
देश के कई हिस्सों में सोमवार को भी तपती गर्मी का प्रकोप और लू के थपेड़े बने रहे। वहीं इस बीच आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तीखी गर्मी की वजह से कम से कम 764 लोगों के मारे जाने की खबर है।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर आए खर्च से जुड़ी जानकारी उजागर नहीं किए जाने के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा गठित समिति ने सभी मंत्रालयों को इस तरह की जानकारियां उजागर करने और सक्रिय रुप से अपडेट करने निर्देश दिए हैं।
क्या बिना मीट परोसे आप किसी को सिर्फ मीट मसाला खिला सकते हैं? कूटनीतिक और राजनयिक समाचार कथाओं के संदर्भ में भारतीय मीडिया अक्सर यही करता है। वह मसाला चखाने के चक्कर में मीट परोसना भूल जाता है। विदेश नीति और राजनय से संबंधित घटनाक्रम अक्सर आम जनजीवन से इतने दूर और ओट में होते हैं कि आम दर्शक अमूमन मसाले को ही मीट समझने की भूल कर बैठता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की राजनयिक कथा में मंगोलिया दौरे की उपकथा की अहमियत भारतीय मीडिया की नजरों से ओझल रही और यह अहम उपकथा आम भारतीय दर्शक या पाठक की प्लेट में परोसी ही नहीं गई।