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बांग्लादेश में एक उम्रदराज बौद्ध भिक्षु की निर्मम हत्या

बांग्लादेश में एक उम्रदराज बौद्ध भिक्षु की निर्मम हत्या

बांग्लादेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित एक बौद्ध मठ में रहने वाले एक 70 वर्षीय उम्रदराज बौद्ध भिक्षु की कुछ अज्ञात लोगों ने मठ के भीतर हत्या कर दी। सिर्फ एक ही हफ्ते पहले इसी तरह के एक हमले में एक मुस्लिम सूफी प्रचारक की हत्या कर दी गई थी।
मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

हर व्यक्ति का अपना एक अतीत होता है। बल्कि कहना गलत न होगा कि हमारा वर्तमान हमारे अतीत की नींव पर टिका होता है। ऐसे में अगर हमारे भीतर से अतीत विस्मृत हो जाए तो हमारा पूरा वजूद डावांडोल होने लगता है। हम अपनी पहचान के संकट से आक्रांत हो उठते हैं। ऐसे में किसी संवेदनशील व्यक्ति का अपने अतीत की तहों में उतरकर स्मृतियों के रेशे तलाशना स्वाभाविक है।
बमों के निशाने पर इराक में भारतीय बंदी

बमों के निशाने पर इराक में भारतीय बंदी

इराक के मुसोल इलाके में डेढ़ साल से आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा बंदी बनाए गए 38 भारतीयों के परिजनों के हाल-बेहाल, पेरिस पर आतंकी हमले के बाद अपने लोगों को जिंदा देखने की आस भी हुई कम, केंद्र की कूटनीतिक विफलता से नाराजगी
अमीर खुसरो की कविता, शिरीन की कहानी

अमीर खुसरो की कविता, शिरीन की कहानी

हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
हेलीकॉप्टर का मलबा मिला, सवारों की तलाश जारी

हेलीकॉप्टर का मलबा मिला, सवारों की तलाश जारी

पिछले चार दिन से लापता पवन हंस के हेलीकॉप्टर का मलबा सोमवार सुबह अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में थिनसा और सांगलियन गांवों के बीच मिल गया, लेकिन इसमें सवार एक उपायुक्त सहित तीन लोगों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
ऐ जालंधर की हवाओ तुम वीजा की मोहताज नहीं

ऐ जालंधर की हवाओ तुम वीजा की मोहताज नहीं

पाकिस्तानी सूफी गायक अदील खान बर्की जब भी हिंदुस्तान आते हैं एक तकलीफ के साथ यहां से जाते हैं। बंटवारे के वक्त बर्की के बुजुर्गों को जालंधर से लाहौर पड़ा था। उनके दादा और वालिद की तमन्ना थी कि आखिरी वक्त में एक दफा वह जालंधर जरूर जाएं लेकिन वीजा की दिक्कतों के चलते उन्हें यह नसीब न हो सका। ऐसे में अदील खान के दादा और वालिद के खाक-ए-सुपुर्द होने के बाद उन्होंने उनकी कब्र पर कत्बा लगवाया, जिसपर लिखा ‘ए जालंधर की हवाओ अगर कभी इस तरफ से गुजरो तो कुछ देर इस कब्र पर ठहर जाना, तुम नहीं जानती कि मरने वाला तुम्हें कितना याद करता है क्योंकि तुम बदनसीब इंसानों की तरह वीजा की मोहताज नहीं हो।’ इस दफा जब अदील खान हिंदुस्तान आए तो आउटलुक की विशेष संवाददाता ने उनसे विशेष बातचीत की-
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