उद्योग जगत ने भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के कदम का पूरा समर्थन करते हुए आज कहा कि यह कड़ी कार्रवाई का समय है।
भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर दो टूक कहा कि उसे जो सबूत मिले हैं उससे यह पता चलता है कि उरी हमले में पाक आधारित आतंकवादियों की संलिप्तता थी। भारत ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान से कहा कि वह नई दिल्ली के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन और प्रायोजन करने से बचे।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा से पहले आज नेपाल ने साफ कर दिया है कि संविधान संशोधन का मुद्दा नेपाल का आंतरिक मामला है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को पूर्व में उपजे नाकेबंदी जैसे मसलों पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
दशकों के सैन्य शासन के बाद म्यांमार के एक नई राह पर कदम बढ़ाने के बीच भारत ने अपने इस पड़ोसी देश को हर कदम पर सहयोग और समर्थन का वादा किया है। दोनों देशों ने अपने संबंधों को गहरा बनाने और क्षेत्र में आतंकवादी एवं उग्रवादी गतिविधियों से मुकाबले में सक्रिय रूप से सहयोग करने का इरादा जाहिर किया।
केंद्र सरकार बुधवार को राज्यसभा में जीएसटी विधेयक पेश कर सकती है। इस के मद्देनजर भाजपा ने एक व्हिप जारी कर अपने सदस्यों को अगले तीन दिन सदन में उपस्थित रहने को कहा है। पार्टी को उम्मीद है कि इस दौरान यह विधेयक पारित करा लिया जाएगा।
शिवसेना ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर भाजपा शिवसेना को कमजाेर करने की कोशिश करेगी तो उससे समर्थन वापस ले लिया जाएगा। पार्टी के मुखपत्र सामना को दिए साक्षात्कार में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना भाजपा के साथ पिछले 25 साल के गठबंधन में सड़ गई है।
विश्व बैंक ने भारत में सौर ऊर्जा क्षमता के विस्तार के लिये एक अरब डालर का कर्ज उपलब्ध कराने की गुरुवार को घोषणा की। बैंक ने अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए) के साथ समझौते पर भी हस्ताक्षर किये।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा के कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा के लिए थोड़ी राहत की खबर है। राज्य में चार विधायकों वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने तनखा को समर्थन देने की घोषणा की है।
लेखकों, शिक्षाविदों और कलाकारों का एक समूह आज नरेंद्र मोदी सरकार के समर्थन में सामने आया। इस समूह ने असहिष्णुता के प्रतिरोध को एक सिरचढ़े वर्ग की अपनी घटती अहमियत के खिलाफ एक तरह की नौटंकी बताकर खारिज कर दिया।
1962 के युद्ध के बाद भारत पर चीन के हमले की आशंका से चिंतित जॉन एफ कैनेडी प्रशासन ने भारत को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की योजना बनाई थी, जिसमें हथियार उत्पादन बढ़ाने में मदद के अलावा छह पर्वतीय इकाइयां बनाने जैसे प्रावधान शामिल थे। एक नई किताब में यह खुलासा किया गया है।