दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले से पहले राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान करते हुए चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिका और जापान के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि चीन को सतर्क रहना चाहिए।
महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कैबिनेट के 3 बड़े नेताओं को झटका दिया है। विभागों में फेरबदल करते हुए पंकजा मुंडेे, विनोद तावड़े और प्रकाश मेहता का कद छोटा कर दिया गया है। तावड़े और पंकजा दोनों ही विवादों में उलझे रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खास चंद्रकांत दादा पाटिल को बेहद महत्वपूर्ण राजस्व मंत्रालय का जिम्मा मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कैबिनेट विस्तार से पहले अपने मंत्रियों और सांसदों का एक स्क्रीनिंग टेस्ट लिया। जिसमें पार्टी के महज दस सासंद ही 100 में 100 अंक हासिल कर सके। वोटरों की राय, संसद और मंत्रालय में कामकाज के आधार पर टेस्ट में ग्रेडिंग दी गई। सूत्रों के अनुसार इस टेस्ट के बाद ही पीएम मोदी और शाह ने योग्य नेताओं को मंत्री पद से नवाजा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार और उसमें फेरबदल के एक दिन बाद राजग की सहयोगी शिवसेना ने बुधवार को भाजपा पर कटाक्ष किया कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडलों में काम करने वाले लोगों की तरह क्षमतावान लोगों को खोजना इन दिनों बहुत मुश्किल है।
पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में विस्तार के बाद मध्यप्रदेश से मंत्रियों की संख्या 8 हो गई है। राज्य से राज्यसभा सदस्य तथा पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को अब पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इस तरह पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश को खासी तवज्जो दी है। 8 मंत्रियों की संख्या मध्यप्रदेश के लिए अब तक की सारी केंद्रीय कैबिनेट के मुकाबले सबसे अधिक है। इस तरह देश की कैबिनेट के इतिहास में मध्य प्रदेश ने नया कीर्तिमान रच दिया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नए मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है। विस्तार में जातिगत समीकरणों के अलावा योग्यता और कामकाज के तौर-तरीकों पर भी ध्यान दिया गया है। ये सभी मंत्री 10 राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, कर्नाटक और असम सेे आते हैं।
महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार से अलग रही। शिवसेना का कोई नेता शपथ ग्रहण समारोह में शरीक नहीं हुआ। शिवसेना ने दो मंत्रियों को सहित एक और कैबिनेट मंत्री की मांंग की थी। पीएम माेदी ने संभावित सूची में एक मंत्री पद शिवसेना के लिए रखा था। और कैबिनेट मंत्री की मांग ठुकरा दी। बस नाराज शिवसेना ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर दिया। शिवसेना और भाजपा के बीच अलगाव की एक और वजह बृहन्मुंबई महानगरपालिका और उसका भारी भरकम बजट भी है।
भारत के प्रमुख चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा है कि यदि सभी राजनीतिक दलों में आम सहमति बने और इस संदर्भ में संवैधानिक संशोधन हों तो भारतीय चुनाव आयोग आम चुनाव और राज्य विधानसभा के चुनावों को एक साथ करवाने के लिए तैयार है।