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अब 2000 रुपये ही बदले जा सकेंगे, शादी के लिए निकाल सकेंगे ढाई लाख

अब 2000 रुपये ही बदले जा सकेंगे, शादी के लिए निकाल सकेंगे ढाई लाख

बंद किए गए 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटोें को बदलने की सीमा को सरकार ने 4500 रुपये से घटाकर 2000 रुपये कर दिया है। यह व्यवस्था शुक्रवार से प्रभावी होगी। अन्य नियमों में सरकार ने शादियाें के जारी मौसम को देखते हुए दूल्हा, दुल्हन या उनके माता-पिता को बैंक खाते से ढाई लाख रुपये तक नकदी निकासी की अनुमति दी है।
गीता फोगाट का जुनून : हाथों में मेहंदी लगाए अखाड़े में अभ्यास

गीता फोगाट का जुनून : हाथों में मेहंदी लगाए अखाड़े में अभ्यास

क्या आपने कभी हाथों में मेहंदी लगाए किसी महिला को शादी से एक दिन पहले या शादी के तीन दिन बाद अखाड़े में दांव पेंच लगाते या कुश्ती मैट पर लोटते देखा है। देश की पहली महिला ओलंपियन पहलवान गीता फोगाट को अगले महीने होने वाले पेशेवर कुश्ती लीग : पीडब्ल्यूएल : में इस रूप में देखा जा सकता है।
तुर्की: एक विवाह समारोह में आत्मघाती हमला, 50 लोगों की मौत

तुर्की: एक विवाह समारोह में आत्मघाती हमला, 50 लोगों की मौत

तुर्की में एक संदिग्ध इस्लामिक स्टेट आतंकी द्वारा किए गए हमले में 50 लोगों की मौत हो गई। यह हमला सीरिया की सीमा से सटे शहर गाजियनटेप में एक विवाह समारोह में हुआ।
29 साल की बहन के लिए इस तानाशाह ने रचाया स्‍वयंबर

29 साल की बहन के लिए इस तानाशाह ने रचाया स्‍वयंबर

उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग ने अपनी 29 साल की बहन के लिए स्‍वयंबर रचाया है। इस तरह बहन की शादी के लिए भी उन्होंने अपना तानशाही रवैया अपनाया है। किमजोंग ने दूल्हा तलाशने के लिए डेटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया है। जहां स्वयं की शर्तों पर वर की तलाश करने का आदेश दिया गया है।
चुनाव आचार संहिता का फेर, बिन फेरे घोड़ी से उतारे 23 दूल्हे

चुनाव आचार संहिता का फेर, बिन फेरे घोड़ी से उतारे 23 दूल्हे

आगरा में एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान एक विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई जहां पंचायत चुनाव होने वाले हैं। यहां की पुलिस ने आचार संहिता के उल्लंघन का हवाला देते हुए शादी करने जा रहे 23 दूल्हों को जबरन घोड़ी से उतार दिया।
सेवा की जीवंत मिसाल थीं सिस्टर निर्मला

सेवा की जीवंत मिसाल थीं सिस्टर निर्मला

नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा के बाद मिशनरीज आफ चैरिटी का काम-काज संभालने वाली सिस्टर निर्मला जोशी का पूरा जीवन गरीबों और समाज के पिछड़े तबके के लोगों के उत्थान के प्रति ही समर्पित रहा। प्रचार और सुर्खियों से कोसों दूर रहने वाली सिस्टर निर्मला में प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सच के साथ खड़े रहने का साहस था। उन्होंने कभी किसी गलत आरोप या अफवाह के सामने सिर नहीं झुकाया। बातचीत में तो इतनी विनम्र कि एकबार उनसे मुलाकात करने वाला उनका मुरीद बन जाता था।
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