नोबल पुरस्कार विजेता और बच्चों के हक की लड़ाई लड़ने वाले कैलाश सत्यार्थी ने देश में बढ़ रहे बाल यौन उत्पीड़न और ट्रैफिकिंग के खिलाफ युद्ध स्तर पर लड़ाई छेड़ने का एलान किया है। वह लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए 11 सितंबर से कन्याकुमारी से भारत यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा विभिन्न हिस्सों से होते हुए 16 अक्तूबर को दिल्ली में समाप्त होगी। करीब एक करोड़ लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।
सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय रहने वाली भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पास एक बार फिर किसी ने मदद के लिए गुहार लगाई है। इस बार तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के एक परिवार ने मदद मांगी है।
यूनीसेफ की सद्भावना दूत प्रियंका चोपड़ा ने यौन हिंसा के पीड़ित बच्चों की पीड़ा पर ध्यान दिलाते हुए उनके लिए सहयोग बढ़ाने और जागरुकता फैलाने का आह्वान किया है। पीसी ने इस सप्ताह जिम्बाब्वे का दौरा किया जहां वह यौन हिंसा के पीड़ित बच्चों से मिली और उनकी खौफनाक दास्तां सुनी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए व्यवस्था दी है कि बलात्कार के कारण जन्म लेने वाला बच्चा उसकी मां को मिले किसी भी तरह के मुआवजे से अलग मुआवजे का हकदार है।
महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और मध्य प्रदेश में हर दूसरा बच्चा किसी न किसी रूप से यौन शोषण से पीड़ित रहा है। यह बात प्लान इंडिया नाम के एक एनजीओ द्वारा राज्यों पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में सामने आई है।
बंगाल के लोग सभ्य और समझदार माने जाते हैं। बंगाल जहां के राजा राम मोहन राय ने विधवा विवाह की शुरुआत की थी। बंगाल ने समाज में सती प्रथा को समाप्त करने के लिए अग्रणी भूमिका निभायी थी। आज उसी बंगाल में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। एक समय दहेज प्रथा व महिला के सम्मान के लिए विश्व में आवाज उठाने वाला बंगाल आज खुद दहेज प्रथा की चपेट में है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी ) की रिपोर्ट का दावा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में एक महीने से भी कम वक्त बचा है और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक नए विवादों में घिरते जा रहे हैं। ताजा मामले में पांच महिलाओं ने ट्रंप पर उत्पीड़न और जबरदस्ती छूने का आरोप लगाया है।
हाल के महीनों में विवादों के केंद्र में रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में साल 2015-2016 के दौरान यौन उत्पीड़न की 39 शिकायतें दर्ज की गई। जो कि विश्वविद्यालय के रिकार्ड में सबसे अधिक है। विश्वविद्यालय को 2014-2015 के दौरान यौन उत्पीड़न की 26 शिकायतें मिली थीं जबकि 2013-2014 के दौरान यह संख्या 25 थी।
परिजन और निकट के रिश्तेदारों द्वारा यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पॉक्सो ई-बॉक्स पहल शुरू की है जिसके जरिये पीड़ित बच्चे अपनी शिकायत सीधे आयोग तक पहुंचा सकते हैं।