1992 के बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 में कार्पोरेट निवेश की गति सबसे धीमी हो गई है। विश्लेषकों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में खराब मांग और नए परियोजनाओं को ऋण देने के लिए बैंकों की अनिच्छा से यह गिरावट आई है।
आईटी क्षेत्र की नौकरियों पर एक नया खतरा मंडराने लगा है। अगले तीन वर्षों के दौरान आईटी क्षेत्र में सालाना करीब दो लाख लोगों की छंटनी हो सकती है। डिजिटलाइजेशन और ऑटोमेशन का तेजी से प्रसार इसकी प्रमुख वजह मानी जा रही है।