ईरानी में राष्ट्रपति हसन रूहानी के नये कार्यकाल के शुरू होते ही उनकी आलोचनाओं का दौर भी शुरू हो गया है। उनके ऊपर रूढ़िवादियों को परेशान करने के आरोप लग रहे हैं। 68 वर्षीय धार्मिक नेता रूहानी को उदारवादी माना जाता है।
देश में हिंसक भीड़ द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पीट-पीट कर मार डालने की बढ़ती घटनाओं के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार अवार्ड लौटा दिया है।
देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को लेकर लोग काफी जागरुक हो गए हैं। सभी देशवासी अपना-अपना सहयोग देकर देश को स्वच्छ और खुले मे शौच से मुक्ति बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।सिर्फ यही नहीं बल्कि काफी लोग ऐसे भी हैं, जो बिना सरकार के मदद के अपना काम स्वयं कर रहे हैं और नई मिसाल कायम कर रहे हैं।
ईरान की संसद और दक्षिणी तेहरान में खुमैनी के मकबरे पर हुए दो अलग-अलग हमलों में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि घायलों की संख्होया बढ़कर 42 हो गई है। मरने वालों में एक महिला आत्मघाती हमलावर भी शामिल है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने फिर से राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। ईरान के सरकारी टीवी के मुताबिक रुहानी को चार साल के लिए राष्ट्रपति चुना गया है। उन्होंने इब्राहिम रईसी को चुनाव में करारी मात दी है।
भारत ने ईरान से कच्चे तेल आयात की मात्रा कम की तो ईरान ने बदले में आयातित तेल के भुगतान का समय तीन माह से घटाकर दो माह कर दिया साथ ही भाड़ा दर भी बढ़ा दी।