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मध्यप्रदेश: तैयार हो रहा है नेताओं पर दर्ज आपराधिक मामलों का डाटा

मध्यप्रदेश: तैयार हो रहा है नेताओं पर दर्ज आपराधिक मामलों का डाटा

मध्यप्रदेश में आपराधिक इतिहास वाले नेताओं के लिए बूरी खबर है। राज्य में किस नेता के खिलाफ किस तरह का आपराधिक मामला दर्ज है और उसमें अब तक क्या कार्रवाई हुई, पुलिस इसकी रिपोर्ट तैयार कर रही है।
सरकार ने 13 सरकारी बैंकों में डाली 22,915 करोड़ रुपए की पूंजी

सरकार ने 13 सरकारी बैंकों में डाली 22,915 करोड़ रुपए की पूंजी

सरकार ने मंगलवार को स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक समेत 13 सरकारी बैंकों को 22,915 करोड़ रुपए की पूंजी उपलब्ध कराई है।
सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश छह माह में : पनगढि़या

सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश छह माह में : पनगढि़या

सरकार को अगले छह महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की उम्मीद है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने कहा कि इसके अलावा सरकार उन बीमार कंपनियों को बंद करने पर भी विचार कर रही है जिनका पुनरोद्धार संभव नहीं है।
यूरोपीय संघ से ब्रिटेन की निकासी को कानूनी चुनौती

यूरोपीय संघ से ब्रिटेन की निकासी को कानूनी चुनौती

ब्रिटेन सरकार की यूरोपीय संघ से निकलने की प्रक्रिया की शुरुआत कानूनी चुनौतियों से घिर गई है। एक विधि कंपनी ने घोषणा की है कि संसदीय अधिनियम के बिना इस प्रक्रिया को शुरू नहीं किया जा सकता।
ब्रेग्जिट का असर: ब्रिटेन की लेबर पार्टी में संकट, तीन सदस्यों का इस्तीफा

ब्रेग्जिट का असर: ब्रिटेन की लेबर पार्टी में संकट, तीन सदस्यों का इस्तीफा

जेरेमी कोरबीन के अपने विदेश मंत्री को बर्खास्त करने और शैडो कैबिनेट (समानांतर मंत्रिमंडल) के तीन मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी को जबरदस्त बगावत का सामना करना पड़ रहा है। ईयू जनमत संग्रह से इस सोशलिस्ट नेता के निबटने के तरीकों को लेकर पार्टी में गहरा मतभेद उभर आया है।
चर्चा : जनमत संग्रह के भूत का मोह। आलोक मेहता

चर्चा : जनमत संग्रह के भूत का मोह। आलोक मेहता

ब्रिटेन पर कब कितना असर होगा, कोई नहीं बता सकता। लेकिन जनमत संग्रह के हिंदुस्तानी प्रवर्तक अरविंद केजरीवाल ‘भूत-चुड़ैल-आत्मा’ को जगाने-बुलाने के तमाशे में माहिर हैं। वह पिछले दो वर्षों के दौरान ‘जनमत संग्रह’ शैली में डेढ़ करोड़ की आबादी में से डेढ़ लाख के नाम पर बटन दबवाकर अपना फरमान जारी करते रहे हैं।
ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकलेेगा, प्रधानमंत्री कैमरन देंगे इस्तीफा

ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकलेेगा, प्रधानमंत्री कैमरन देंगे इस्तीफा

ब्रिटेन में यूरोपीय संघ :ईयू: को लेकर हुये एेेतिहासिक जनमत संग्रह में हार के बाद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। ब्रिटेन ने 28 देशों के संगठन यूरोपीय संघ :ईयू: से बाहर निकलने :ब्रेक्जिट: के पक्ष में मतदान किया है। कैमरन ब्रिटेन के ईयू में बने रहने के पक्ष में थे। इस फैसले से जहां एक तरफ वैश्विक बाजारों में उठापटक की स्थिति रही वहीं ईयू से अलग होने के बाद ब्रिटेन में आव्रजन और अन्य मुद्दों पर भी सवाल उठने लगे हैं।
जानिए, यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने पर भारत को क्‍या नुकसान होगा

जानिए, यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने पर भारत को क्‍या नुकसान होगा

ब्रिटेन 28 देशों के यूरोपीय यूनियन से अलग होने की राह पर है। इस अलगाव के बाद भारत और दुनिया की अर्थव्‍यस्‍था पर व्‍यापक असर पड़ने लगा है। दुनिया भर के बाजार गिरने का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय शेयर बाजार में प्री ओपनिंग में सेंसेक्स 900 अंक तक गिर गया है। निफ्टी में भी 300 अंक की गिरावट दर्ज की गई है। रुपया भी डॉलर के मुकाबले 68 रुपए के स्‍तर से अधिक हो गया है। ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड 30 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
ईयूू से अलग होने के लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह, कहीं मुसलमानों का डर तो नहीं

ईयूू से अलग होने के लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह, कहीं मुसलमानों का डर तो नहीं

आर्थिक रुप से जुड़े यूरोप के देशों के संगठन यूरोपीय यूनियन से अलग होने के लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह हो रहा है। मीडिया में खबर आ रही है कि मुसलमानों के डर की वजह से भी इस तरह का जनमत संग्रह कराया जा सकता है। जनता के फैसले के बारे मेंं शुक्रवार को पता चलेगा। सबसे बड़ा सवाल है कि ब्रिटेन जमनत संग्रह क्यों करा रहा है। जानकारों का कहना है कि मुस्लिम प्रवासियों की बढ़ती तादाद से ब्रिटेन को खासी चिंता है।
एक करोड़ रुपये से ज्यादा सरकारी अनुदान पाने वाले एनजीओ लोकपाल के दायरे में

एक करोड़ रुपये से ज्यादा सरकारी अनुदान पाने वाले एनजीओ लोकपाल के दायरे में

सरकार से अनुदान के तौर पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा रकम और विदेशों से 10 लाख रुपये से अधिक दान प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) अब लोकपाल के दायरे में आएंगे। नए नियमों के तहत, इस तरह के एनजीओ के पदाधिकारियों को लोक सेवक माना जाएगा और अनियमितताओं के मामले में भ्रष्टाचार-रोधी कानून के तहत इन पर मामला चलाया जाएगा।
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