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अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।
हरियाणा: दलित दूल्हे के घोड़ा बग्गी पर बैठने से गांव में तनाव

हरियाणा: दलित दूल्हे के घोड़ा बग्गी पर बैठने से गांव में तनाव

हरियाणा के एक गांव में ऊंची जाति के कुछ लोगों द्वारा एक दलित दूल्हे को उसकी बारात में घोड़ा बग्गी पर चढने से रोकने और बाराती समेत पुलिस दल पर पथराव करने का मामला सामने आया है। घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति है।
चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड से अधिक सुंदर पर्वतीय क्षेत्र, विविधता की संस्कृति, भोली भाली संघर्षशील जनता संपूर्ण विश्व में अदभु,त है। स्विट्जरलैंड से कई गुना बेहतर हिम शृंखला हिमालय में है। आजादी के बाद इस क्षेत्र को आवश्यकता और आकांक्षाओं के अनुरूप आर्थिक प्रगति के लाभ नहीं मिले। उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहने पर उत्तराखंड के लोगों को रोजगार सहित विभिन्न सुख-सुविधाओं की कमी खलती रही। इसीलिए बड़े संघर्ष के बाद उत्तराखंड को छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ अलग राज्य का दर्जा मिला।
उस्मानिया विश्वविद्यालय में तनाव, पथराव में सात पुलिसकर्मी घायल

उस्मानिया विश्वविद्यालय में तनाव, पथराव में सात पुलिसकर्मी घायल

उस्मानिया विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह द्वारा बुधवार को किये गए पथराव में सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। छात्रों के समूह ने पुलिसकर्मियों पर तब पथराव किया जब पुलिस परिसर स्थित पानी की एक टंकी में मिले एक व्यक्ति के शव को निकालकर ले जा रही थी। इस घटना को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में तनाव उत्पन्न हो गया।
चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

विजय पताका लिए सेनापति दो वर्षों की अवधि में तीन सेनाओं के नेतृत्व का दावा कर रहे हैं। ऐसा चमत्कार तो रामायण-महाभारत काल या विक्रमादित्य और सम्राट अशोक के शासनकाल के युद्ध में भी पढ़ने-सुनने को नहीं मिलता। भारतीय लोकतंत्र में नेहरू-इंदिरा गांधी-राजीव गांधी, नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सत्ता और संगठन के साथ विचारधाराओं के आधार पर जन समर्थन की सफलता-विफलता देखने को मिली। राव-मनमोहन राज और अटलजी की सत्ता के अंतिम दौर में ‘शाइनिंग इंडिया’ से जुड़ी राजनीतिक टीम और पर्दे के पीछे मोटी रकम देकर सर्वेक्षणों एवं विज्ञापनों की एजेंसियों की सहायता ली गई। लेकिन मोदी युग में समानान्तर राजनीतिक सत्ता का एक नया केन्द्र उभरकर आया। भाजपा, आर.एस.एस. एवं इससे संबद्ध विभिन्न संगठनों, स्वामी रामदेव के लाखों समर्थकों, नए-पुराने नेताओं के धुआंधार प्रचार के बावजूद मोदी-भाजपा की सफलता का श्रेय ‘राजनीतिक प्रचार प्रबंधक’ प्रशांत किशोर ने लिया।
सीबीआई का वारः वीरभद्र के बाद केजरीवाल

सीबीआई का वारः वीरभद्र के बाद केजरीवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीबीआई के जरिए गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों पर दबाव डालने का आरोप बढ़ रहा है, भाजपा के मुख्यमंत्रियों पर भ्रष्टाचार के मामलों में नहीं दिखी सक्रियता
छापों पर चिदंबरम ने कहा, सरकार छिपकर हमला नहीं करे

छापों पर चिदंबरम ने कहा, सरकार छिपकर हमला नहीं करे

राजनीतिक गलियारों में विपक्षी स्वरों और खासतौर से कांग्रेस को संसद में नियंत्रित करने के केंद्र सरकार से जोड़ कर देखा जा रहा है छापों को
कानपुर में भी बवाल, तलवारें और कट्टे लेकर निकले उन्मादी

कानपुर में भी बवाल, तलवारें और कट्टे लेकर निकले उन्मादी

कानपुर के फजलगंज थाना क्षेत्र के दर्शनपुरवा में आज एक धार्मिक पोस्टर का कथित तौर पर अपमान करने को लेकर दो संप्रदायों के बीच तनाव फैल गया और एक पक्ष ने दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार भीड़ में से किसी ने पुलिस पर गोली भी चलाई हालांकि इससे किसी नुकसान की खबर नहीं है।
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