दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक और परेशानी में पड़ गए हैं। सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय स्थित स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के दफ्तर पर गुरुवार को छापा मारा है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यालय के उपयोग में लाए जा रहे डीडीयू मार्ग के बंगला नंबर 206 राउज एवेन्यू का आवंटन रद्द कर दिया है। दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनाव से पहले मिली इस सूचना से ‘आप’ भड़क गई है। पार्टी ने कहा कि उससे ही उपराज्यपाल की इतनी दुश्मनी क्यों है? आम आदमी पार्टी से इतना भेदभाव क्यों है? आप ने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया है कि उसे कुछ लोग दिल्ली के अंदर काम नहीं करने देना चाहते?
दिल्ली का कनॉट प्लेस कार्यालय के लिये स्थान लेने के मामले में दुनिया का नौंवा सबसे महंगा स्थान है। इसका सालाना किराया 105.71 डॉलर प्रति वर्गफुट तक पहुंच गया है। संपत्ति सलाहकार कंपनी सीबीआरई ने यह जानकारी दी है।
वित्त मंत्री ने वर्ष 2018 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई और कहा कि उभरते बाजार संरक्षणवाद की अंतर्मुखी नीतियों एवं बढ़े भूराजनीतिक तनाव के रूप में नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के बीच वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: के मोर्चे पर अच्छी खबरों से बंबई शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन तेजी का सिलसिला जारी रहा तथा सेंसेक्स 116 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत से शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में पचास शेयरों पर आधारित निफ्टी 9,122.75 अंक की नई ऊंचाई पर, जबकि तीस शेयरों पर आधारित बीएसई 29,561.93 अंक पर पहुंच गया है।
इन्फोसिस के निदेशक मंडल व संस्थापकों के बीच जारी खींचतान के मद्देनजर इस प्रमुख आईटी कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का सोमवार को मुंबई में संस्थागत निवेशकों से मिलने जा रहे हैं। वहीं, बाजार नियामक सेबी इन्फोसिस के ताजा घटनाकम पर नजदीकी से निगाह रखे हुए है।
संकटग्रस्त उद्योगपति विजय माल्या व ब्रिटेन की मदिरा कंपनी डियाजियो के बीच 7.5 करोड़ डालर के अंतरंग समझौते के कारण यूनाइटेड स्पि्रटिस लिमिटेड यूएसएल के अल्पांश शेयरधारकों को नुकसान से चिंतित बाजार नियामक सेबी शीघ्र ही छोटे निवेशकों को अतिरिक्त भुगतान का आदेश दे सकता है। यह भुगतान खुली पेशकश के जरिए किया जा सकता है।
वैश्वीकरण का लाभ केवल दुनिया के धनी लोगों को ही मिलने को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच भारत के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी ने खुली बाजार अर्थव्यवस्था का पक्ष लिया और कहा कि संपत्ति सृजन को रोका नहीं जाना चाहिये क्योंकि समाज में संपत्ति वितरण के लिये संपत्ति सृजन जरूरी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति और औद्योगिक नवप्रवर्तन के लिये तैयार है।