राष्ट्रपति चुनाव की निर्वाचन प्रक्रिया के साथ ही एनडीए व यूपीए ने कसरत तेज कर दी है। भाजपा की कोर समिति की बैठक में 23 जून को एनडीए उम्मीदवार के नाम की घोषणा पर फैसला हुआ। आम सहमति बनाने के लिए भाजपा की गठित समिति शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात करेगी। वहीं यूपीए में अभी उम्मीदवार को लेकर माथा पच्ची ही चल रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 500 रुपये के नए नोट जारी किए हैं। बैंक के मुताबिक इन नोटों में किए गए कुछ बदलावों से इतर यह पूरी तरह से नोटबंदी के बाद जारी किए गए 500 रुपये के नोट जैसा ही है।
राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर सोनिया गांधी के बुलाए भोज में आज 17 विपक्षी दल शिरकत कर किए। इस भोज में 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल को नहीं बुलाया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भोज में आने से पहले ही मना कर दिया था। बैठक खत्म होने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बताया कि राष्ट्रपति के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई।
एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग इस्केप की एक रपट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले साल 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह अनुमान देश में खपत बढ़ने तथा बुनियादी ढांचे पर उंचे खर्च की उम्मीद के साथ व्यक्त किया गया है।
तमिलनाडु में सूखे की मार झेल रहे किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों ने आज बंद का आह्वान किया है। इन विपक्षी दलों में कांग्रेस, माकपा, भाकपा, वीसीके, एमएमके, आइयूएमएल शामिल हैं।
नोटबंदी का प्रभाव अब कमजोर पड़ रहा है और वृद्धि के नोटबंदी से पूर्व की अवस्था में आने की संभावना है लेकिन अर्थव्यवस्था की साफ तस्वीर जून के अंत तक ही उपलब्ध होगी। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को यह बात कही।
सरकार ने व्यक्तियों के लिए आयकर विवरण दाखिल करने का एक नया और ज्यादा आसान फार्म आईटीआर-। शुक्रवार को अधिसूचित किया। यह फार्म आकलन वर्ष 2017-18 के लिये शनिवार से उपलब्ध होगा। इसके साथ ही नोटबंदी के बाद दो लाख रुपये या अधिक राशि की जमाएं करने वाले करदाताओं को इसका खुलासा नये आयकर रिटर्न आईटीआर फार्म में करना होगा।
नोटबंदी की अवधि के दौरान देश से बाहर गए भारतीयों के लिए 500 और।,000 के पुराने नोटों को बदलने की सुविधा शुक्रवार को समाप्त हो गई। नोट बदलने के लिए सीमित काउंटरों तथा प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग रद्द नोटों को नई मुद्रा से बदलवा पाने में विफल रहे हैं।