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बीवी की लाश ढोने वाले दाना मांझी को मिले नौ लाख, बहरीन के शेख का मरहम

बीवी की लाश ढोने वाले दाना मांझी को मिले नौ लाख, बहरीन के शेख का मरहम

ओडिशा में एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से बीवी के शव को 12 किलोमीटर तक ढोने वाले दाना मांझी नौ लाख का चेक लेने ओडिशा से दिल्‍ली विमान से आए। उन्हें बहरीन दूतावास ने बुलाकर अपने शेख की तरफ से भिजवाया हुआ 8.87 लाख का चेक दिया।
ओडिशा: शव की हड्डियां तोड़कर ढोने के मामले में एएसआई निलंबित

ओडिशा: शव की हड्डियां तोड़कर ढोने के मामले में एएसआई निलंबित

ओडि़शा के बालेश्वर जिले में एक वृद्ध महिला के शव के साथ अमर्यादित व्यवहार कर अपने कर्तव्य का उचित निर्वहन नहीं करने के मामले में राजकीय रेल पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया।
कालाहांडी के बाद बालासोर, लाश की हड्डियां तोड़ गठरी बनाकर बांस के डंडे से ढोया

कालाहांडी के बाद बालासोर, लाश की हड्डियां तोड़ गठरी बनाकर बांस के डंडे से ढोया

एंबूलेंस नहीं देने के बाद ओडिशा के कालाहांडी में पत्नी की लाश को 10 किलोमीटर तक कंधे पर ढोने के मामले पर अभी भी बहस जारी है, इसी बीच इसी तरह का एक और प्रकरण सामने अाया है। राज्‍य के बालासोर में अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के बाद महिला के मृत शरीर की हड्डियां तोड़ उसकी गठरी बनाकर बांस के डंडे और मजदूरों के जरिये उसे ढोकर स्टेशन तक पहुंचाया गया।
एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

मध्‍यप्रदेश में जबलपुर के पनागर के बिहर गांव में मानवता को शर्मसार करनेे वाला मामला सामने आया है। जिसके बाद भाजपा शासित इस राज्‍य की सामाजिक समरसता पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। गांव में एक दबंग ने अपनी जमीन से शवयात्रा ले जाने की अनुमति नहीं दी। मजबूरन लोगों को तालाब के बीच चार फीट पानी से शव को श्‍मशान घाट तक ले जाना पड़ा। मुसबीत यहीं कम नहीं हुई बल्कि लोग जब श्मशानघाट पहुंचे तो वहां पर सरकार की जमीन पर धान बोया गया था। नतीजन शव का अंतिम संस्‍कार निजी जमीन पर किया गया।
ओडिशा में पत्‍नी का शव लेकर उसे 10 किलोमीटर चलना पड़ा

ओडिशा में पत्‍नी का शव लेकर उसे 10 किलोमीटर चलना पड़ा

भुवनेश्वर के पिछड़े जिले कालाहांडी में एक आदिवासी व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा। उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं मिली। व्यक्ति के साथ उसकी 12 साल की बेटी भी थी।
भारत के बाल श्रम कानूनों में बदलावों पर यूनीसेफ ने चिंता जताई

भारत के बाल श्रम कानूनों में बदलावों पर यूनीसेफ ने चिंता जताई

यूनीसेफ ने भारत के बाल श्रम कानून में बदलावों पर गंभीर चिंता जताई है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ने कहा कि ये बदलाव बच्चों को पारिवारिक उद्यमों में काम करने की इजाजत देते हैं और जोखिम भरे कामों की सूची कम करते हैं।
रेलवे की जननी सेवा : ट्रेनों और स्‍टेशनों में मिलेंगे दूध, गर्म पानी, बेबी फूड

रेलवे की जननी सेवा : ट्रेनों और स्‍टेशनों में मिलेंगे दूध, गर्म पानी, बेबी फूड

छोटे बच्चों को साथ लेकर चलने वाली माताओं के लिए बुधवार से ट्रेन का सफर कुछ आसान हो जाएगा। दरअसल अब रेलवे की ओर से जननी सेवा की शुरुआत की जा रही है ,जिसके तहत चुनिंदा ट्रेनों के अलावा स्टेशनों पर छोटे बच्चों के लिए दूध, गर्म पानी, बेबी फूड, चॉकलेट, बिस्कुट आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

वे मानव शरीर को ‘मंदिर’ मानते थे। मंदिर की तरह ही अपने शरीर की उन्होंने देखभाल की। 104 साल की उम्र पाई। यहां बात देश के पहले मिस्टर यूनिवर्स मनोहर आइच की हो रही है। रविवार को उनका निधन हो गया। वे अपने ‘मंदिर’ को मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर गए। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उनका ‘मंदिर’ यानी शरीर मेडिकल के विद्यार्थियों के रिसर्च के काम आएगा।
बच्चों की खातिर नौकरी छोड़ देती हैं मां

बच्चों की खातिर नौकरी छोड़ देती हैं मां

मदर्स डे पर कराए गए एक सर्वेक्षण में खास बात सामने आई है। भारत के कई बड़े शहरों में एसोचैम द्वारा कराए गए सर्वे से यह बात निकल कर आई है कि बच्चे की किलकारी पर मां करिअर कुर्बान कर देती है। अच्छी पद, प्रतिष्ठा और पैसे वाली नौकरी भी उन्हें बच्चों की परवरिश और उसकी देखभाल के कर्तव्य से डिगा नहीं पाती है।
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