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इस अकाल वेला में

इस अकाल वेला में

"साहित्य, संस्कृति, समाज और राजनीति के समक्ष आज की चुनौतियां" बात नब्बे के दशक के आखिरी वर्षों और...
उत्तर प्रदेश : आधुनिक तकनीकों के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य-शाही

उत्तर प्रदेश : आधुनिक तकनीकों के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य-शाही

उत्तर प्रदेश में राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार कृषि और प्रौद्योगिकी की आधुनिक तकनीकों से...
भावनाओं पर भारी हकीकत

भावनाओं पर भारी हकीकत

साल 2018 देश के लिए एक अहम संदेश लेकर आ रहा है। यह संदेश देश का आम आदमी राजनैतिक दलों से लेकर अपना आधार...
मीरा कुमार ने कहा- बाबूजी ने मुझे सिद्धांतों के लिए लड़ना सिखाया

मीरा कुमार ने कहा- बाबूजी ने मुझे सिद्धांतों के लिए लड़ना सिखाया

विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने आज बाबू जगजीवन राम को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए नमन किया। इनसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वंचितों के मसीहा के तौर पर देखे जाने वाले बाबू जगजीवन राम को श्रद्धांजलि दी।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
स्वच्छ भारत जैसी योजनाओं से देश बनेगा आर्थिक महाशक्ति: राष्ट्रपति

स्वच्छ भारत जैसी योजनाओं से देश बनेगा आर्थिक महाशक्ति: राष्ट्रपति

राष्टपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अगर सरकार की स्वच्छ भारत व डिजिटल इंडिया जैसी नवोन्मेषी पहलों का कार्यान्वयन सफलतापूर्वक होता है तो भारत दुनिया में एक आधुनिक आर्थिक शक्ति बनेगा।
कायाकल्‍प की कवायद, रेलवे कर्मचारियों के सुझावों पर पीएम करेंगे विचार

कायाकल्‍प की कवायद, रेलवे कर्मचारियों के सुझावों पर पीएम करेंगे विचार

भारतीय रेलवे के कायाकल्प और उसके आधुनिकीकरण के लिए रेल कर्मचारियों ने एक लाख से ज्यादा सुझाव दिए हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है जल्द ही सारे सुझाव पढ़े जाएंगे। रेलवे का कहना है कि इसके बाद थीम तय की जाएगी और जनरल मैनेजर लेवल पर टीमों का गठन होगा। बाद में हर टीम को थीम दी जाएगी। यह टीम स्टडी करके अपना पूरा आइडिया डिटेल में देगी।