क्या कभी आपने सुना है कि छात्रों को स्कूल की क्लासरुम की जगह टॉयलेट में शिक्षा दी जा रहा हो... जी हां यह घटना सच है, जो मध्यप्रदेश में नीमच के एक प्राइमरी स्कूल की है।
किसान आंदोलन की ताप से मध्य प्रदेश में सत्ता वापसी की आस लगाए बैठी कांग्रेस पार्टी में 'सीएम प्राजेक्ट' को लेकर रस्साकशी का दौर शुरू हो चुका है। बीते दिनों कांग्रेस के दिग्गजों ने जो दांव खेला है, वह थोड़ा चौकाता जरूर है, लेकिन अप्रत्याशित नहीं है।
मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही एक दिलचस्प पहल की शुरूआत करने जा रही है। सरकार की तरफ से की जाने वाली ये पहल लोगों की परेशानियों को दूर करने को लेकर है। जिस तरह बीमार व्यक्ति इलाज के लिए अस्पतालों के ओपीडी में जाते हैं, उसी तरह किस्मत की परेशानी दूर करने के लिए लोग एस्ट्रो-ओपीडी का उपयोग कर सकते हैं।
किसान आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किये गए किसानों को छुड़वाने के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान व गुजरात के किसान नेताओं ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है।
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की चमक से कांग्रेस नवंबर 2018 विधान सभा चुनाव में कितनी लहलहाएगी, यह तो कहना मुश्किल है, लेकिन सोमवार को आयोजित कांग्रेस के किसान एवं युवा क्रांति सम्मेलन के द्वारा पार्टी अपनी पस्तहाल नसों में कांग्रेसी खून का प्रवाह की राह पर चल पड़ी है।
पेड न्यूज़ मामले में चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा तीन साल तक अयोग्य ठहराए गए मध्य प्रदेश के जनसम्पर्क एवं जलसंसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 5 जुलाई की तारीख तय की है।
किसान कर्ज माफी मामले के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश सुर्खियों में आ गया है। इस बार प्रदेश के चर्चा में बने रहने की वजह कोई और नहीं बल्कि सरकारी मंडियों में बदइंतजामी का आलम है।
चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट के फाइनल में पाकिस्तान की जीत के बाद 15 लोगों पर कथित रूप से पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने और पटाखे फोड़ने का आरोप लगा था। जिसके बाद पुलिस ने राजद्रोह मामला दर्ज किया था। अब तीन दिन बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने राजद्रोह का आरोप वापस ले लिया है।